Diwali: फेस्टिव सीजन में मंगलवार को धनतेरस का पर्व मनाया गया. इस दौरान करीब 60 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है. दिवाली तक यह आंकड़ा आसानी से एक लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा. इस दौरान सोने, चांदी के अलावा पीतल के बने बर्तन की जबरदस्त खरीद हुई है. एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ सोने की बिक्री ने ही 20,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है. कारोबारियों को इस फेस्टिव सीजन (Festive Season) में पहले से बिक्री बढ़ने का अनुमान था, इसलिए उन्होंने अपनी पूरी तैयारी की हुई थी. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन में बने सामानों की डिमांड गिरने से उसे करीब 1.25 ट्रिलियन रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.
वोकल फॉर लोकल के चलते भारतीय प्रोडक्ट्स की डिमांड
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के मुताबिक, धनतेरस पर करीब 60 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने का अनुमान है. कैट के महासचिव और सांसद प्रवीण खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की वोकल फॉर लोकल (Vocal for Local) डिमांड के चलते मार्केट में भारतीय प्रोडक्ट्स की जबरदस्त डिमांड है. उन्होंने दावा किया कि चाइनीज प्रोडक्ट्स की बिक्री में गिरावट से इस सीजन में चीन को 1.25 ट्रिलियन रुपये का नुकसान होने की संभावना है.
कुम्हारों से खरीदें मिट्टी के दीए और सजावट के सामान
कैट ने भी स्थानीय महिलाओं, कुम्हारों और शिल्पकारों को बिक्री बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है ताकि वे भी समृद्धि के साथ दिवाली मनाएं. बुधवार, 30 अक्टूबर को प्रवीण खंडेलवाल अन्य व्यापारियों के साथ चांदनी चौक में स्थानीय कुम्हारों से मिट्टी के दीए और अन्य सजावट की चीजें खरीदेंगे. ऐसा ही अभियान अन्य राज्यों में कैट से जुड़े कारोबारी भी चलाएंगे. धनतेरस पर भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा के साथ समृद्धि को आमंत्रित करने के लिए नई वस्तुओं की खरीद की जाती है. सोने और चांदी के आभूषण, बर्तन, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू सामान की जमकर खरीदारी हुई है.
धनतेरस पर 25 टन सोना और 250 टन चांदी बेची गई
कैट के पंकज अरोड़ा (Pankaj Arora) के अनुसार, मंगलवार, 29 अक्टूबर को सोने की बिक्री करीब 20 हजार करोड़ रुपये और चांदी की बिक्री लगभग 2,500 करोड़ रुपये रही. पंकज अरोड़ा ने कहा कि देश भर में 25 टन सोना और 250 टन चांदी बेची गई. इसके अतिरिक्त पुराने चांदी के सिक्कों की मांग भी बढ़ी है. कैट से जुड़े आचार्य दुर्गेश तारे ने बताया कि धनतेरस को भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने का दिन, स्वास्थ्य और कल्याण का प्रतीक है. इस दिन पीतल के बर्तन खरीदने की प्रथा है. इसके अतिरिक्त, मृत्यु के देवता भगवान यम की पूजा दक्षिण दिशा में 'यम दीपक' जलाकर की जाती है.
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