आने वाले दिनों में लोगों को डीजल-पेट्रोल से महंगाई का नया झटका लग सकता है. वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आ रही लगातार तेजी से इस बात की आशंका बढ़ गई है कि जल्दी ही देश में डीजल-पेट्रोल की कीमतें बढ़ जाएं. वैश्विक बाजार में कच्चा तेल बुधवार को लगभग दो महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया.


यहां पहुंचे कच्चे तेल के ताजे रेट


बुधवार को अगस्त डिलीवरी वाला ब्रेंट क्रूड 20 सेंट बढ़कर 85.53 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जबकि सितंबर के सौदों के भाव 21 सेंट बढ़कर 84.74 डॉलर पर रहे. वहीं अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 3 सेंट बढ़कर 81.60 डॉलर प्रति बैरल पर रहा. यह लगभग दो महीने में कच्चा तेल का सबसे महंगा स्तर है.


3 सप्ताह में आई 10 फीसदी की तेजी


कच्चे तेल की कीमतों में पिछले एक-डेढ़ महीने के दौरान खूब तेजी आई है. जून की शुरुआत में निचले स्तर को छूने के बाद कच्चा तेल अब तक 8 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा चढ़ चुका है. यानी बीते तीन सप्ताह के दौरान ही कच्चे तेल की कीमतों में 10 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है.


इन कारणों से महंगा हो रहा कच्चा तेल


कच्चे तेल की कीमतों में मंगलवार को 1 डॉलर से ज्यादा की तेजी आई. इसके लिए यूक्रेन के एक ड्रोन अटैक को जिम्मेदार माना जा रहा है. यूक्रेन के एक ड्रोन अटैक से रूस के एक प्रमुख बंदरगाह पर ऑयल टर्मिनल में आग लग गई. इसके अलावा गर्मियों की तेज मांग निकलने और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने की खबरें भी कच्चे तेल को ऊपर चढ़ा रही हैं. रूस-यूक्रेन के अलावा पश्चिम एशिया में इजरायल और हिजबुल्ला के बीच व्यापक युद्ध छिड़ने की आशंका तेज हुई है.


पूरे देश में महंगा हो सकता है डीजल-पेट्रोल


अगर कच्चे तेल की कीमतों में इसी तरह से तेजी आती रही तो भारत में लोगों को डीजल-पेट्रोल के मामले में झटका लग सकता है. डीजल-पेट्रोल की कीमतें चुनाव से पहले लंबे इंतजार के बाद कुछ कम की गई थीं. उसके बाद से देश के लगभग हर हिस्से में डीजल और पेट्रोल की कीमतें स्थिर हैं. हालांकि कीमतों में बदलाव करने का दबाव बढ़ रहा है. हाल ही में कर्नाटक सरकार ने डीजल और पेट्रोल की कीमतें 3-3 रुपये प्रति लीटर बढ़ाने का फैसला लिया है. महंगा कच्चा तेल सरकारी तेल कंपनियों को पूरे देश में डीजल और पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने पर मजबूर कर सकता है.


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