फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी से पेंशनर्स घर बैठे जमा कर रहे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट, जानें आसान तरीका
Digital Life Certificate: डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट देने के लिए ईपीएस पेंशनर्स चेहरे से पहचान (फेस ऑथेंटिकेशन) तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे वो घर बैठे ये जरूरी काम कर पा रहे हैं.
Digital Life Certificate: एंप्लॉइज पेंशन फंड ऑर्गेनाइजेशन या कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में 78 लाख से ज्यादा पेंशनर्स हैं. इन्हें पेंशन पाते रहने के लिए हर साल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना जरूरी है. वित्त वर्ष 2023-24 में एंप्लाई पेंशन स्कीम (ईपीएस) के तहत 6.6 लाख ईपीएस पेंशनर्स ने फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी के जरिए अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा किया. ये वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में साल दर साल 200 फीसदी की बढ़ोतरी दिखाता है. वित्त वर्ष 2022-23 में 2.1 लाख पेंशनर्स ने फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया था. पहले उन्हें फिजिकल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए बैंकों में जाना पड़ता था, जिसमें कई तरह की परेशानियां होती थीं.
ईपीएफओ की एक प्रेस रिलीज के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में जमा किए गए कुल डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट में से 10 फीसदी फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (एफएटी) के जरिए बनाए गए थे. पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान पेंशनर्स से कुल मिलाकर लगभग 60 लाख डीएलसी प्राप्त हुए थे.
ईपीएफओ ने 2015 में अपने पेंशनर्स का जीवन आसान बनाने के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) को अपनाया. ईपीएफओ ईपीएस पेंशनर्स से बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के आधार पर डीएलसी स्वीकार करता है. ईपीएफओ ने जुलाई, 2022 में इस फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी को अपनाया जिससे पेंशनर्स अपने घरों से डीएलसी जमा करने की एक पूरी तरह से नई प्रक्रिया कर सकते हैं.
बायोमेट्रिक आधारित डीएलसी जमा करने के लिए पेंशनर्स को किसी भी बैंक, डाकघर, कॉमन सर्विस सेंटर या ईपीएफओ दफ्तर की ब्रांच में जाना होगा क्योंकि वहां फिंगरप्रिंट/आईरिस कैप्चर डिवाइस मौजूद है.
बुजुर्गों को बैंक/डाकघर वगेरह में शारीरिक रूप से जाने में होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए, एमईआईटीवाई और यूआईडीएआई ने फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (एफएटी) डेवलप की है, जिसके तहत चेहरा पहचान तकनीक का इस्तेमाल लाइफ सर्टिफिकेट के प्रमाण के लिए किया जा सकता है. इस पद्धति से पेंशनर्स की पहचान उनके घर बैठे ही स्मार्टफोन कैमरे का उपयोग करके चेहरे के स्कैन द्वारा की जा सकती है. यह प्रमाणीकरण यूआईडीएआई फेस रेकग्निशन ऐप का उपयोग करके यूआईडीएआई के आधार डेटाबेस से किया जाता है.
यहां एंड्रॉइड स्मार्टफोन यूजर्स के लिए स्टेप-बाई-स्टेप गाइड दी गई है-
आपको कम से कम 5-मेगापिक्सल फ्रंट या रियर फेसिंग कैमरे वाला एक एंड्रॉइड (वर्जन 7.0 या इससे ऊपर) बिना रूट वाला स्मार्टफोन चाहिए. कहने की जरूरत नहीं है कि इसके लिए आपको इंटरनेट कनेक्टिविटी की भी जरूरत है.
स्टेप 1: Google Play Store पर जाएं और 'AadhaarFaceRd' ऐप इंस्टॉल करें. लाइफ सर्टिफिकेट वेबसाइट के मुताबिक एक बार ऐप इंस्टॉल हो जाने के बाद यह फोन की होम स्क्रीन पर दिखाई नहीं देगा और इसका कोई आइकन भी नहीं होगा. लाइफ सर्टिफिकेट की वेबसाइट पर कहा गया है, "ऐप सेटिंग्स में और फिर ऐप इन्फो में दिखाई देता है."
स्टेप 2: अब Google Play Store से लाइफ सर्टिफिकेट फेस ऐप डाउनलोड करें और इंस्टॉल करें.
स्टेप 3: लाइफ सर्टिफिकेट ऐप पर एक बार ऑपरेटर ऑथेंटिकेशन प्रॉसेस को पूरा करें. पेंशनर्स सहित कोई भी व्यक्ति ऑपरेटर के रूप में रजिस्ट्रेशन कर सकता है.
स्टेप 4: अपनी डिटेल्स टाइप करें और पेंशनर्स के लिए आधार-बेस्ड फेस ऑथेंटिफिकेशन प्रोसेस को पूरा करें.
लाइफ सर्टिफिकेट ने एक गाइड डॉक्यूमेंट में कहा, "फेस स्कैन के जरिए खुद को सफलतापूर्वक प्रमाणित करने के बाद, एप्लिकेशन खुद रीस्टार्ट हो जाती है और एक टोस्ट दिखाया जाता है: 'क्लाइंट रजिस्ट्रेशन सक्सेसफुल' जिससे पता चलता है कि ऑपरेटर रजिस्ट्रेशन सफल हो गया है."
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