Digital Payment Report: डिजिटलीकरण (Digitalisation) पर जोर के साथ देश में डिजिटल लेन-देन (Digital Transection) तेजी से बढ़ रहा है. देश में यूपीआई (UPI) जैसे पेमेंट मोड के जरिए करोड़ों लोग रोजना के कामकाज में डिजिटल पेमेंट का यूज कर रहे हैं. डिजिटल पेमेंट बढ़ने के साथ साथ देश में डेबिट-क्रेडिट कार्ड (Debit- Credit Card) के जरिए होने वाले पेमेंट्स का चलन भी बढ़ा है.
जुलाई-सितंबर तिमाही में इतने हुए डिजिटल पेमेंट
इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस), डेबिट और क्रेडिट कार्ड और मोबाइल वॉलेट जैसे प्रीपेड भुगतान उत्पादों के माध्यम से 38,320 अरब रुपये के डिजिटल लेन-देन हुए हैं. वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी वर्ल्डलाइन इंडिया ने एक रिपोर्ट में यह कहा. रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश शीर्ष पांच राज्य हैं, जहां सबसे अधिक डिजिटल लेन-देन हुए. सूची में बेंगलुरु सबसे ऊपर है. देश में इस समय डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए लोग मोबाइल के जरिए यूपीआई का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं.
UPI का दबदबा कायम
मूल्य और मात्रा दोनों हिसाब से डिजिटल लेन-देन में यूपीआई आधारित लेन-देन का दबदबा है. तीसरी तिमाही के लिये इंडिया डिजिटल भुगतान रिपोर्ट के अनुसार यूपीआई के जरिये कुल 32,500 अरब रुपये के 19.65 अरब लेन-देन हुए. रिपोर्ट में कहा गया है, "सालाना आधार पर लेन-देन संख्या और मूल्य दोनों लगभग दोगुने हुए हैं. संख्या के मामले में 2022 की तीसरी तिमाही में 88 फीसदी और मूल्य के मामले में 71 फीसदी से अधिक की जोरदार बढ़ोतरी हुई है."
वर्ल्डलाइन के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर रमेश नरसिम्हन ने कहा, "डिजिटल भुगतान धीरे-धीरे, हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन रहा है. प्रत्येक तिमाही के साथ डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है. यूपीआई, कार्ड, प्रीपेड भुगतान उत्पाद जैसे लोकप्रिय भुगतान साधन पहले से ही एक तिमाही में 23 अरब से अधिक लेनदेन हो रहे हैं."
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