डिजिटल-वॉलेट ट्रांजेक्शन में जबरदस्त तेजी लेकिन UPI से मिल रही है कड़ी टक्कर
कैश हैंडलिंग में कमी, कस्टमर के सुरक्षित रखने की कोशिश और कॉन्टेक्टलेस कारोबार की सुविधा ने डिजिटल वॉलेट ट्रांजेक्शन में काफी बढ़ोतरी की है.
देश में कोरोना संक्रमण के दौरान डिजिटल वॉलेट ट्रांजेक्शन दोगुना हो गया है. दिसंबर में आरबीआई ने रिटेल पेमेंट में सेमी-क्लोज्ड प्री पेड पेमेंट इंस्ट्रमेंट यानी डिजिटल वॉलेट को मासिक दस हजार रुपये के रिचार्जेबल लिमिट को बगैर 'नो योर कस्टमर' वेरिफिकेशन के इजाजत दे दी थी. इसके बाद डिजिटल वॉलेट ट्रांजेक्शन बेहद तेज रफ्तार बढ़ोतरी हुई. हालांकि डिजिटल वॉलेट को यूपीआई से काफी तगड़ा कॉम्पीटिशन मिल रहा है.
फोन पे की यूजर ग्रोथ 20 से 30 लाख तक पहुंची
फोन पे के फाइनेंशियल सर्विसेज वाइस और पेमेंट्स के वाइस प्रेसिडेंट हेमंत गाला के मुताबिक कोविड-19 के दौरान नए डिजिटल यूजर में तेजी से इजाफा हुआ है. वॉलेट एक्टिवेशन और यूजर में लगभग 50 फीसदी का इजाफा हुआ है. कैश हैंडलिंग में कमी, कस्टमर के सुरक्षित रखने की कोशिश और कॉन्टेक्टलेस कारोबार की सुविधा ने डिजिटल वॉलेट ट्रांजेक्शन में काफी बढ़ोतरी की है. फोन पे की यूजर ग्रोथ 20 लाख से बढ़ कर 30 लाख तक पहुंच चुकी है.
डिजिटल वॉलेट पेमेंट 50 फीसदी बढ़ी
मोबिक्विक के को-फाउंडर और सीईओ बिपिन प्रीत सिंह के मुताबिक ऑनलाइन ग्रॉसरी, ई-फार्मेसी और बिल पेमेंट में पिछले चार महीनों के दौरान डिजिटल वॉलेट पेमेंट 50 फीसदी बढ़ चुका है. इस वक्त कंपनी हर महीने 30 लाख यूजर जोड़ रही है. सिंह के मुताबिक कोविड-19 संकट के दौरान औसतन मोबिक्विक का औसतन ट्रांजेक्शन वैल्यू बढ़ कर 700 रुपये का हो गया है. यूजर अपने वॉलेट में औसतन 5000 रुपये का बैलेंस रख रहे हैं. पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा कि उसका डिजिटल वॉलेट ट्रांजेक्शन काफी बढ़ा है. उसके ग्राहकों का औसतन ट्रांजेक्शन वैल्यू 1000 रुपये का हो गया है. वॉलेट इस्तेमाल करने वालों को मिलने वाले कैशबैक और रिफंड्स की सुविधा भी डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ाने में मददगार है.