विदेशी निवेशकों की रुचि कम पर घरेलू निवेशकों की बदौलत बाजार छू रहे आसमान, दमदार आंकड़ा जानें
DII Money in Indian Market: मार्च 2024 में देश के घरेलू निवेशकों ने जितना पैसा भारतीय बाजार में लगााया है वो अप्रैल 2020 के बाद से सबसे ज्यादा साबित हुआ है जो मार्केट के लिए गेमचेंजर साबित हुआ.

DII Money in Indian Market Increased: भारतीय शेयर बाजारों की जोरदार और धमाकेदार तेजी के सिलसिले को हम सभी देख रहे हैं. लगातार नए-नए रिकॉर्ड बना रहा घरेलू शेयर बाजार इस समय तेजी के रथ पर सवाल है. इस शानदार बढ़त के पीछे देश के घरेलू निवेशकों का बेहद बड़ा सपोर्ट है और इसके आधार पर शेयर बाजार आसमान छू रहा है. देश के शेयर बाजार में बीएसई का मार्केट कैपिटलाइजेशन कल 400 लाख करोड़ रुपये के आसपास आ गया था.
घरेलू निवेशक रहे भरोसेमंद साथी
गौर करने वाली खास बात ये है कि एक समय था जब भारतीय बाजार की तेजी के लिए विदेशी निवेशकों के निवेश पर निर्भरता काफी अहम रहती थी. विदेशी संस्थागत निवेशक यानी एफआईआई का पैसा घरेलू बाजार के लिए तेजी या गिरावट का कारण बन जाता था. विदेशी निवेशक जब साल के आखिर में क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों पर चले जाते थे, भारतीय बाजारों से अपना पैसा निकालने की परंपरा सी बन गई थी और इसी का परिणाम था कि साल के आखिर में दिसंबर के महीने में भारतीय शेयर के लिए खराब समय साबित होता था.
मार्च 2024 में भी जमकर ऊंचाई पर गया बाजार
भारत के मुख्य बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी50 ने कल ही ऑलटाइम हाई का नया लेवल 22,619 छू लिया है और ये ऐतिहासिक शिखर छूने के पीछे देश के घरेलू संस्थागत निवेशकों यानी डीआईआई का बड़ा हाथ है. वित्त वर्ष 2024 के आखिरी महीने यानी मार्च 2024 में भारतीय शेयर बाजार 1.6 फीसदी बढ़त के साथ दिखाई दिया है जो इससे पिछले महीने यानी फरवरी 2024 से कहीं ज्यादा (लाइवमिंट पर दिए आंकड़े के मुताबिक) है.
कितना रहा मार्च में DII का निवेश
मार्च में घरेलू संस्थागत निवेशकों का कुल निवेश 6.8 बिलियन डॉलर पर रहा है जिससे ओवरऑल मार्केट सेंटीमेंट में जोरदार उत्साह का संचार हुआ है. लगातार आठ महीनों से घरेलू निवेशकों का प्रदर्शन शानदार रहा है और इन्होंने भारतीय बाजार में जमकर पैसा लगाया है. वहीं एफआईआई यानी विदेशी संस्थागत निवेशकों की बात करें तो इन्होंने भी भारतीय बाजार में पैसा लगाया तो है लेकिन डीआईआई के मुकाबले इस निवेश में खासी कमी देखी गई है.
पिछले पूरे साल डीमैट अकाउंट भी जमकर खुले
पिछले पूरे साल डीमैट अकाउंट भी जमकर खुले हैं जो ये बताते हैं कि घरेलू निवेशकों का शेयर बाजार पर भरोसा लगातार बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2023-24 में पहली बार डीमैट अकाउंट खाताधारकों की कुल संख्या 15 करोड़ के पार निकल गई है और ये एक रिकॉर्ड है. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2024 के दौरान बाजार में करीब 3.7 करोड़ नए डीमैट अकाउंट खोले गए जो इस बात का भी संकेत है कि हर महीने लाखों डीमैट खाते खोले जा रहे हैं.
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