Direct Benefit Transfer: बड़े काम आया ये उपाय, सरकार को हो गई 27 बिलियन डॉलर की तगड़ी बचत
Benefits Of DBT: अभी के समय में सरकार की कई प्रमुख योजनाओं का क्रियान्वयन डाइरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के माध्यम से हो रहा है, जिससे सरकार को मोटी बचत हो रही है.
DBT India: सरकार आम लोगों की मदद करने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं (Social Welfare Schemes) चलाती है. इन योजनाओं का लाभ सीधे वांछित व्यक्ति को मिले, इसके लिए सरकार ने धीरे-धीरे कई योजनाओं में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण यानी डाइरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (Direct Benefit Transfer) को लागू किया है. सरकार का कहना है कि डीबीटी (DBT) के कारण केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं में अरबों डॉलर बचाने में मदद मिली है.
डीबीटी ने अब तक बचाए इतने
आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ रविवार को ग्लोबल पार्टनरशिप फोर फाइनेंशियल इन्क्लूजन की दूसरी बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि डाइरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर काफी आसान है और इसने भ्रष्टाचार को दूर किया है. इस कारण केंद्र सरकार की योजनाओं में अब तक 27 बिलियन डॉलर से ज्यादा की बचत हुई है.
डीबीटी से कम हुआ भ्रष्टाचार
सेठ ने इस मौके पर कहा कि भारत ने जो डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) तैयार किया है, वह स्वाभाविक रूप से स्केलेबल, इंटरऑपरेबल, इनोवेशन-फ्रेंडली और समावेशी है. इसने पूरी तरह से सरकार व लोगों, लोगों व लोगों और लोगों व व्यवसायों के आपसी व्यवहार को बदल दिया है. उन्होंने कहा, चूंकि अब सारे हस्तांतरण प्रत्यक्ष और आसान हैं, ऐसे में भ्रष्टाचार की और फायदा कहीं अन्य जगह जाने की गुंजाइश कम है. इसने फर्जी लाभार्थियों को बाहर किया है. हमारा अनुभव है कि डीबीटी से प्रमुख केंद्रीय सरकारी योजनाओं में 27 बिलियन डॉलर से ज्यादा की बचत हुई है.
सरकार ने की लाखों लोगों की मदद
सेठ ने कहा कि भारत में डीपीआई से लैस डीबीटी उन लाखों नागरिकों को राहत प्रदन करने में वरदान साबित हुआ, जिनका जीवन-यापन प्रभावित हुआ था. सरकार डीपीआई के माध्यम से टीकों का वितरण कर और सामाजिक सुरक्षा मुहैया करा कर लाखों लोगों की मदद करने में सफल रही.
जी-20 ने की दुनिया की मदद
आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव ने इस मौके पर जी-20 के योगदानों की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि हालिया सालों में जी-20 ने दुनिया को कई झटकों से उबरने में मदद की है और अभी भी वैश्विक आर्थिक समन्वय पर मार्गदर्शन प्रदान कर रही है. भारत इसे आगे बढ़ाना चाहता है और खासकर वैश्विक दक्षिण में इसे अधिक प्रासंगिक बनाना चाहता है. उन्होंने कहा कि जी-20 की भारत की अध्यक्षता ने बहुपक्षवाद में भरोसा पुनर्स्थापित करने और सामूहिक समाधानों को प्रोत्साहित करने की जिम्मेदारी निभाने का मौका दिया है.