वित्त वर्ष 2020-21 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा, संशोधित अनुमान से 5 फीसदी ज्यादा
वित्त वर्ष 2020-21 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन संशोधित अनुमान से 5 फीसदी ज्यादा रहा. डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 9.05 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से अधिक 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा. ग्रोस कलेक्शन 12.06 लाख करोड़ रुपये रहा.
![वित्त वर्ष 2020-21 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा, संशोधित अनुमान से 5 फीसदी ज्यादा Direct tax collection stood at Rs 9.45 lakh crore for FY 2020-21, up 5 percent from revised estimates वित्त वर्ष 2020-21 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा, संशोधित अनुमान से 5 फीसदी ज्यादा](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2021/04/09234617/money.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्लीः सरकार ने शुक्रवार को कहा कि डायरेक्ट टैक्स संग्रह संशोधित अनुमान से 5 फीसदी अधिक रहा है. वर्ष 2020-21 के दौरान रिफंड जारी करने के बाद प्रत्यक्ष कर संग्रह 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष के लिए 9.05 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से लगभग 5 फीसदी ज्यादा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को बजट में पेश किए गए संशोधित अनुमानों की तुलना में कॉरपोरेशन टैक्स और पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन दोनों ज्यादा थे. 4.46 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेशन टैक्स संग्रह रहा जबकि कॉरपोरेशन टैक्स के 4.57 लाख करोड़ रुपये अनुमानित थे. पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन 4.88 लाख करोड़ रुपये रहा जो कि 4.59 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमानों से 6 फीसदी अधिक है.
महामारी के बावजूद कलेक्शन में हुई बढ़ोतरी विवाद से विश्वास स्कीम को अच्छा रिसपॉन्स मिला है. टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स प्रौद्योगिकी का भी हाई टैक्स कलेक्शन में योगदान रहा. इसके अलावा महामारी के दौरान इतना टैक्स कलेक्शन अर्थव्यवस्था में एक उल्लेखनीय बदलाव का संकेत माना जा रहा है.
12.06 लाख करोड़ रुपये रहा ग्रोस कलेक्शन ग्रोस कलेक्शन 12.06 लाख करोड़ रुपये रहा. यह कलेक्शन 13.2 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से कम था. पिछले वित्त वर्ष में भी रिफंड में बढ़ोतरी देखी गई, जो 43 फीसदी बढ़कर 2.61 लाख करोड़ रुपये हो गया. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि "बेहद चुनौतीपूर्ण वर्ष के बावजूद, 2020-21 के लिए एडवांस टैक्स कलेक्शन 4.95 लाख करोड़ रुपये है, जो कि गत वित्तीय वर्ष के 4.64 लाख करोड़ रुपये से लगभग 6.7 फीसदी ज्यादा है."
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