GST Evasion: जीएसटी चोरी का पता लगाने के लिए डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (Directorate General of GST Intelligence) बड़ा अभियान चला रही है. इस अभियान के तहत विभाग ने बड़े पैमाने पर फेक इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करने के मामलों का पता लगाया है. डीजीजीआई ने बीते साढ़े तीन वर्षों में 57,000 करोड़ रुपये जीएसटी चोरी का पता लगाया है और इस मामले में 500 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है. 


डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस जीएसटी चोरी को रोकने के लिए बीते तीन वर्षों से स्पेशल ड्राइव चला रही और अप्रैल 2020 से सितंबर 2023 तक चलाये गए इस विशेष अभियान में 6,000 फेक इनपुट टैक्स क्रेडिट के मामलों का पता लगा है जिसमें 57,000 करोड़ रुपये की जीएसटी की चोरी पकड़ी गई है. मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 में 14000 करोड़ रुपये के कुल 1040 फेक इनपुट टैक्स क्रेडिट के मामलों का पता लगा है जिसमें अब तक 91 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. 


वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 1.36 लाख करोड़ रुपये कुल जीएसटी चोरी का पता लगा है जिसमें फेक इनपुट टैक्स क्रेडिट का मामला भी शामिल है. और वोलंट्री बेसिस पर 14,108 करोड़ रुपये लोगों ने जमा करा दिए हैं.  


जून 2023 में डीजीजीआई ने देशभर में मास्टरमाइंडों सिंडीकेट्स की पहचान कर उन्हें पकड़ने पर जोर दिया था. एडवांस टेक्निकल टूल्स के जरिए डेटा एनालटिक्स का उपयोग कर जीएसटी चोरी करने वालों की गिरफ्तारी की गई है. ये टैक्स सिंडिकेट अक्सर भोले-भाले व्यक्तियों का उपयोग करते हैं और उन्हें नौकरी, कमीशन, बैंक लोन का लालच देकर उनसे उनका केवाईसी डॉक्यूमेंट ले लेते हैं जिसके जरिए बिना उनकी जानकारी और सहमति के बगैर फर्जी, शेल फर्म या कंपनियां खोल लिया जाता है. 


जीएसटी की चोरी को रोकने के लिए डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ इंटेलीजेंस ने देशभर में अपने खुफिया नेटवर्क को विकसित करती है और जीएसटी चोरी को रोकने के लिए डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से नए क्षेत्रों में खुफिया जानकारी जुटाती है. 


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