Disinvestment News: शिपिंग कॉरपोरेशन, BEML, BPCL का निजीकरण अगले वित्त वर्ष में, तीन IPO भी लाने की तैयारी
BPCL Disinvestment: बीपीसीएल का निजीकरण अगले वित्त वर्ष में कर लिया जाएगा, केंद्र सरकार की ओर से ये भरोसा दिलाया गया है. इसके अलावा तीन आईपीओ भी अगले वित्त वर्ष में लाने की योजना बनाई जा रही है.
Disinvestment News: सरकार अगले वित्त वर्ष में शिपिंग कॉरपोरेशन, बीईएमएल और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) की रणनीतिक बिक्री के अलावा ईसीजीसी सहित सार्वजनिक क्षेत्र की तीन कंपनियों की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश यानी आईपीओ लाएगी. एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी.
बजट में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 65,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य
आम बजट में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 65,000 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य तय किया गया है. यह आंकड़ा 2021-22 के लिए अनुमानित 1.75 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य से काफी कम है, हालांकि सरकार ने संशोधित अनुमानों में 2021-22 के लक्ष्य को घटाकर 78,000 करोड़ रुपये कर दिया है.
दीपम के सचिव तुहिन कांत पांडेय का जवाब
निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि अगले साल के लक्ष्य को सीपीएसई (केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों) में अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री, सीपीएसई को सूचीबद्ध करके और रणनीतिक बिक्री के जरिये पूरा किया जाएगा.
तीन आईपीओ भी लाने की तैयारी
तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि, 'हमें पवन हंस के लिए कई वित्तीय बोलियां मिली हैं, हम इस प्रक्रिया में आगे बढ़ेंगे. शिपिंग कॉरपोरेशन, बीईएमएल और बीपीसीएल की वित्तीय बोली की प्रक्रिया चल रही है. एचएलएल लाइफकेयर और पीडीआईएल ईओआई चरण में हैं. इसके अलावा अगले वित्त वर्ष में हम ईसीजीसी, वैपकोस और नेशनल सीड्स कॉरपोरेशन के आईपीओ भी लाएंगे. कुछ अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री भी की जाएगी, लेकिन इसकी गुंजाइश कम हो सकती है.'
पवन हंस औप बीपीसीएल के निजीकरण के बारे में क्या कहा
यह पूछे जाने पर कि क्या पवन हंस की बिक्री मार्च के अंत तक पूरी हो जाएगी, उन्होंने कहा, 'हमें देखना होगा कि क्या हम काम पूरा कर सकते हैं. हमें अभी बोलियां खोलनी हैं और फिर मंजूरी हासिल करने के लिए कुछ समय की जरूरत होगी.' सचिव ने कहा कि शिपिंग कॉरपोरेशन और बीईएमएल की मुख्य और गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों के विघटन की प्रक्रिया चल रही है, जिसके बाद उसकी रणनीतिक बिक्री के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित की जाएंगी.
बीपीसीएल के निजीकरण के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, 'हम बोलीदाताओं के साथ फंस गए हैं और इसे तेजी से पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वे बोली लगाने के लिए तैयार हों.' सरकार बीपीसीएल में 52.98 फीसदी, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में 63.75 फीसदी, बीईएमएल में 26 फीसदी और पवन हंस में 51 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है.
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