रिलायंस के साथ फ्यूचर का सौदा मुश्किल में, अमेजन ने भेजा कानूनी नोटिस
अमेजन का कहना है कि करार के मुताबिक फ्यूचर बगैर अमेजन की अनुमति के रिलायंस या किसी ऐसी दूसरी कंपनी को अपनी हिस्सेदारी नहीं बेच सकती क्योंकि ‘ फर्स्ट रिफ्यूजल’ का अधिकार उसके पास है.
रिलायंस के साथ फ्यूचर ग्रुप का सौदा अब मुश्किल में पड़ता दिख रहा है. रिलायंस रिटेल की कंपीटिटर अमेजन ने किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप की होल्डिंग कंपनी फ्यूचर कूपन्स को एक नोटिस भेज कर कहा है कि रिलायंस के साथ फ्यूचर का सौदा उसके साथ किए गए करार का उल्लंघन है. अमेजन ने पिछले साल फ्यूचर ग्रुप में अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी खरीदी थी. अमेजन का कहना है कि करार के मुताबिक फ्यूचर बगैर अमेजन की अनुमति के रिलायंस या किसी ऐसी दूसरी कंपनी को अपनी हिस्सेदारी नहीं बेच सकती क्योंकि ‘ फर्स्ट रिफ्यूजल’ का अधिकार उसके पास है.
अमेजन ने कहा, ‘फर्स्ट रिफ्यूजल’ का हक हमारे पास
इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक फ्यूचर ने रिलायंस रिटेल को अपनी हिस्सेदारी बेचने से पहले अमेजन की अनुमति नहीं ली, जबकि करार के मुताबिक फ्यूचर कूपन्स को अपनी हिस्सेदारी के लिए पहले उसके सामने पेशकश करना था. अमेजन के मुताबिक फ्यूचर कूपन्स के साथ उसके करार में साफ लिखा है बगैर उसकी अनुमति के किसी थर्ड पार्टी या कंपीटिटर को वह अपनी हिस्सेदारी नहीं बेच सकती. अमेजन की फ्यूचर रिटेल में पांच फीसदी हिस्सेदारी है. फ्यूचर रिटेल के तहत ही बिग बाजार और ईजी डे स्टोर का संचालन किया जाता है. पिछले साल अमेजन ने 1500 करोड़ रुपये में फ्यूचर कूपन्स की 5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी.
इस साल हुए थे रिटेल में विदेशी निवेश से जुड़े नियमों में बदलाव
इस साल फरवरी में विदेशी निवेश से जुड़े नियमों में बदलाव किए गए थे. इसके बाद अमेजन ने फ्यूचर कूपन्स के जरिये फ्यूचर ग्रुप में हिस्सेदारी खरीदी ताकि रिटेल से जुड़े विदेशी निवेश नियमों का पालन हो सके. वैसे, अगस्त में रिलायंस रिटेल ने एक जटिल सौदे के तहत फ्यूचर समूह के रिटेल एसेट्स का अधिग्रहण कर लिया.
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