Festive Season Shopping: दिवाली और धनतेरस का त्योहार दस्तक देने को है. लेकिन बाजारों में इन त्योहारों को लेकर रौनक पहली ही छाई हुई है. इस वर्ष दो साल बाद बगैर किसी कोविड प्रतिबंध दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा. माना जा रहा है कि इस बार दिवाली शॉपिंग के लिए बाजारों में भीड़ उमरने वाली है. जिसके चलते उम्मीद है कि इस वर्ष दिवाली  पर 2.5 लाख रुपये की खरीदारी देखने को मिली सकती है. 


कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) के मुताबिक दिवाली की त्योहारी खरीद एवं अन्य सेवाओं के जरिये लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये की नगदी बाजार में आने की उम्मीद है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के मुताबिक केंद्र सरकार के डीए में 4% की बढ़ोतरी और रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर बोनस देने का जबरदस्त फायदा मिलने वाला है क्योंकि इससे लोग खरीदारी करने के लिए प्रेरित होंगे जिसका फायदा व्यापारियों और अर्थव्यवस्था को मिलेगा. 



कैट के मुताबिक दिवाली उत्सव के कारोबार में डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार दर्ज करने की उम्मीद है तो दिवाली से संबंधित यात्राओं एवं अन्य सेवाओं के उपयोग पर  एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने की उम्मीद की जा रही है. इससे पहले ऑटोमोबाइल क्षेत्र के संगठन फाडा द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, नवरात्रि की अवधि के दौरान ऑटोमोबाइल की कुल खुदरा बिक्री में 57% की भारी वृद्धि हुई. ये आंकड़े इस बात की ओर संकेत कर रहे हैं कि इस त्योहारी सीजन में लोग जबरदस्त शॉपिंग कर रहे हैं. 


प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक इस वर्ष दिवाली में भारतीय उत्पादों की बिक्री एवं खरीद पर ही ज्यादा जोर रहने वाला है जिससे चीन को है जिसके कारण चीन को 60 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का झटका लगा है. गलवान घाटी की घटना के बाद लोग अब चीनी सामान का बहिष्कार कर रहे हैं जिससे भारतीय उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा मिला है. 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत के अभियान को जोर देते हुए कैट ने देश भर के व्यापारियों से इस दिवाली को "अपनी दिवाली भारतीय दिवाली" के रूप में मनाने का आह्वान किया है.  40 हजार से अधिक देश भर के व्यापारी संगठन भारत में ही बनी घर के सजावट के सामान, दिवाली पूजा के सामान जिसमें मिट्टी के दीये, देवता, दीवार पर लटकने वाले, हस्तशिल्प के सामान, देवी लक्ष्मी और श्री गणेश जी की पूजा का सामान, जो  स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और कुशल कलाकारों द्वारा बनाई गई है उसे बड़ा बाजार देने का काम करेंगे.


ये भी पढ़ें


वैश्विक आर्थिक संस्थाओं ने की भारत की तारीफ, IMF की एमडी ने कहा- अंधेरे क्षितिज में उज्जवल स्थान है भारत