2023 Festive Season: इस फेस्टिव सीजन के दौरान रियल एस्टेट के लिहाज से देश के 7 टॉप बड़े शहरों में 1.50 लाख से ज्यादा घरों के बिकने का अनुमान है. मौजूदा वर्ष 2023 के पहले नौ महीनो में महंगे होम लोन और हाउसिंग प्राइसेस में इजाफा होने के बावजूद जबरदस्त हाउसिंग डिमांड देखने को मिली है. और फेस्टिव सीजन के चलते इसे और बूस्ट मिलने वाला है. सीबीआरई ने अपने रिपोर्ट में कहा कि 2023 के फेस्टिव सीजन के दौरान हाउसिंग सेल्स का आंकड़ा तीन सालों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 1.50 लाख यूनिट से ज्यादा रह सकता है.
9 महीने में 5 फीसदी बढ़ी हाउसिंग सेल्स
सीबीआरई (CBRE) की रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष जनवरी से सितंबर के दौरान हाउसिंग सेल्स में 5 फीसदी का उछाल देखने को मिला है और कुल 2,30,000 हाउसिंग यूनिट्स की बिक्री हुई है. इस अवधि के दौरान रियल एस्टेट कंपनियों की ओर से नए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की लॉन्चिंग देखने को मिली है. इस दौरान डेवलपर्स ने 2.20 लाख नए हाउसिंग यूनिट्स लॉन्च किए हैं. वहीं फेस्टिव सीजन के दौरान इस वर्ष 1.50 लाख यूनिट्स बिकने का अनुमान है. 2022 के फेस्टिव सीजन में 1,47,300 और 2021 के फेस्टिव सीजन में 1,14,500 हाउसिंग यूनिट्स की सेल्स हुई थी.
जारी रहेगी हाउसिंग डिमांड में तेजी
सीबीआरई के भारत, साउथ-ईस्ट एशिया, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के चेयरमैन - सीईओ अंशुमान मैगजीन ने कहा, हमारा मानना है कि अभी चल रहे फेस्टिव सीजन के चलते हाउसिंग डिमांड में जारी तेजी 2023 के आने वाले महीनों में भी जारी रहेगी. उन्होंने कहा, ब्याज दरों के बढ़ने के सिलसिले पर रोक और फेस्टिव सीजन में डेवलपर्स की ओर से ऑफर किए जा रहे इंसेटिव और स्कीम के कारण हाउसिंग सेल्स में और भी तेजी रह सकती है. अक्टूबर-दिसंबर के दौरान पहली बार घर खरीदने वाले बायर्स ज्यादा आकर्षित होते हैं जो फेस्टिव सीजन के दौरान डिस्काउंट मिलने का इंतजार कर रहे होते हैं.
सबसे ज्यादा डिमांड मिड-सेगमेंट हाउसिंग की
जनवरी से सितंबर महीने के दौरान सबसे ज्यादा मिड सेगमेंट वाले रेसिडेंशियल यूनिट्स की सेल्स देखने को मिली है. इसके बाद हाई-एंड यानि लग्जरी सेगमेंट की बारी आती है. अफोर्डेबल हाउसिंग यूनिट्स की सेल्स दोनों सेगमेंट के मुकाबले कम रही है. 2023 के जनवरी से सितंबर महीने के बीच कुल हाउसिंग सेल्स में 62 फीसदी हिस्सेदारी मुंबई, पुणे और बेंगलुरू की रही है. वहीं नए हाउसिंग यूनिट्स की लॉन्चिंग में भी इन तीन शहरों की हिस्सेदारी 64 फीसदी रही है.
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