Dixon technologies: चीन को भारत की ओर से बड़ा झटका लगा है. दरअस, चीन की बहुराष्ट्रीय कंपनी वीवो अब भारत के रहमोकरम पर भारत के अंदर स्मार्टफोन बनाएगी. भारत सरकार के नीतिगत दबाव के कारण चीनी कंपनी वीवो को भारतीय कंपनी डिक्सन टेक्नोलॉजीज के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. इस ज्वाइंट वेंचर में 51 फीसदी शेयर डिक्सन टेक्नोलॉजी के रहेंगे. 49 फीसदी शेयर वीवो कंपनी के रहेंगे. यानी चीनी मोबाइल जाएंट भारतीय कंपनी के जूनियर पार्टनर के तौर पर भारत में स्मार्टफोन का उत्पादन करेगी. इस खबर के बाद डिक्सन टेक्नोलॉजीज के शेयर पांच फीसदी तक उछल गए हैं.
रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया शेयर
सोमवार, सुबह बाजार खुलने के बाद डिक्सन टेक्नोलॉजीज के शेयरों ने रिकॉर्ड ऊंचाइयों को छुआ और कीर्तिमान बनाते हुए, ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया. पिछले पांच सालों में डिक्सन के शेयर 2416 फीसदी रिटर्न दे चुके हैं. 15 दिसंबर को ही डिक्सन ने वीवो के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाने की घोषणा की थी. उसके बाद बाजार खुलते ही डिक्सन के शेयरों में तेजी दिखने लगी. दोपहर बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी के शेयर के भाव 18,785 रुपये पर छलांग लगा रहे थे. वहीं बांबे स्टॉक एक्सचेंज में 18,791 रुपये पर कारोबार हो रहा था. पिछले पांच दिनों में डिक्सन के शेयर 8.68 फीसदी ऊपर चढ़े हैं. महीने भर में इसमें 26.06 फीसदी का उछाल आया है. पिछले छह महीने में तो 61.76 फीसदी और साल भर में 197.75 फीसदी की तेजी आई है. कुल बाजार पूंजी एक लाख 12 हजार 183 करोड़ रुपये की हो गई है.
स्मार्टफोन बाजार में कंपनी बनाएगी मजबूत पकड़
वीवो के साथ साझेदारी से डिक्सन टेक्नोलॉजीज को स्मार्टफोन बाजार में मजबूत पकड़ बनाने में सहूलियत होगी. वीवो इंडिया के सीईओ जेरोम चेन ने प्रस्तावित वेंचर को लेकर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि डिक्सन के साथ टर्म शीट पर हस्ताक्षर हो गए हैं. हम मजबूती के साथ भारत के एंड्रॉयड बाजार में उतरेंगे.
ये भी पढ़ें: Cyber Crime: कर्नाटक में चरम पर साइबर डाका, 11 महीनों में ही 2047 करोड़ किए साफ
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)