नई दिल्ली: जमीन जायदाद डेवलपमेंट से जुड़ी डीएलएफ का शुद्ध कर्ज चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 1021 करोड़ रुपये बढ़कर 23140 करोड़ रुपये पहुंच गया. मकान की बिक्री धीमी होने की वजह से कंपनी का कर्ज बढ़ा है. एक विश्लेषक की रिपोर्ट के अनुसार जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी देश की सबसे बड़ी कंपनी डीएलएफ का शुद्ध कर्ज वित्त वर्ष 2016-17 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 23140 करोड़ रुपये पहुंच गया. इससे पूर्व तिमाही में यह 22120 करोड़ रुपये था.


डीएलएफ के प्रमोटर्स कर्ज में कटौती के लिये कंपनी की किराया कंपनी डीएलएफ साइबर सिटी डेवलपर्स लिमिटेड (डीसीसीडीएल) में अपनी 40 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. डीएलएफ के पास डीसीडीएल में शेष 60 फीसदी हिस्सेदारी होगी. प्रमोटर्स सौदे से मिली राशि का बड़ा हिस्सा कर्ज में कटौती के लिये डीएलएफ में लगाएगी.


पिछले हफ्ते डीएलएफ के सीनियर एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (फाइनेंस) सौरभ चावला ने विश्लेषकों से एक ‘कांफ्रेन्स कॉल’ में कहा कि कंपनी को 2 बड़े निवेशकों से ऑफर मिला है, जो डीसीसीडीएल में 40 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के इच्छुक हैं. यह सौदा 12,000 से 14,000 करोड़ रुपये का है.


उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिये जांच-परख का काम पूरा हो गया है. बैंक और कानूनी सलाहकार ऑफर का आकलन कर रहे हैं और वे नियम शर्तों और दूसरी बातों पर बातचीत कर रहे हैं.