रिटर्न फाइल करते समय अनजाने में कुछ गलतियां हो जाने की गुजाइंश बनी रहती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये गलतियां करना आपको भारी पड़ सकता है. हम आपको बता रहे हैं कि रिटर्न फाइल करते समय क्या गलती नहीं करनी चाहिए




  • सही आईटीआर चुनना सबसे पहला कदम है. आपको सावधानी से अपना तय ITR फॉर्म चुनना चाहिए. अगर आपने गलत फॉर्म चुना तो आयकर विभाग स्वीकार नहीं करेगा. आपको रिवाइज्ड रिटर्न (Revised Return) दाखिल करने को कहा जाएगा.

  • इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज को जरूर दिखाना चाहिए अगर आप अपनी इस आय को नहीं दिखाते हैं तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.

  • फॉर्म 26AS  डाउनलोड करें और अपनी आय को उससे मिलाएं. फॉर्म 26AS  आपकी आय पर काटे गए TDS के भुगतान की सभी जानकारी देता है.

  • अपनी सभी जानकारियां बिल्कुल सही आटीआर में भरें. मोबाइल नंबर वहीं भरें जिस पर एसएमएस आ सके.

  •  टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद उसे वेरिफाई भी करना होता है. आप इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल से अपने टैक्स रिटर्न को ई-वेरिफाई कर सकते हैं या सीपीसी-बेंगलुरू भेज कर भी वेरिफाई कराया जा सकता है.

  • अगर आपने वित्त वर्ष के बीच एक नौकरी छोड़कर दूसरी ज्वाइन की है तो रिटर्न भरते वक्त दोनों कंपनियों से हुई आय का विवरण ITR में दें.

  • लोग टैक्‍स से बचने के लिए फर्जी छूटों का सहारा लेते हैं. लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. अगर आप फर्जी छूट अपनी ITR में दिखाई हैं तो आप के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.

  • आपको न सिर्फ अपनी आय बल्कि अपने नुकसान का भी ब्यौरा आईटीआर में देना चाहिए. अपनी पूंजीगत हानियों की जानकारी भी आईटीआर भरते वक्त देनी चाहिए.

  • आटीआर में छूट प्राप्त आय और कर मुक्त आय की जानकारी जरूर देनी चाहिए. ITR फॉर्म में कई कॉलम है जहां कृषि आय, लाभांश, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर मिलने वाली छूट का ब्यौरा विशेष रूप से अलग कॉलम में देना होता है.

  • सही समय पर रिटर्न फाइल करनी चाहिए. ऐसा करने से आप पेनल्टी से भी बचे रहते हैं.


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