सोने का भारत में बहुत महत्व है. इसका सिर्फ आर्थिक महत्व ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी है. यह निवेश के सबसे बेहतर विकल्पों में गिना जाता रहा है. भारतीय सोने में निवेश करना पसंद करते हैं. लेकिन आप अगर सोने में निवेश करना चाहते हैं तो आपको सोने बेचने से हुए लाभ पर लगने वाले टैक्स की जानकारी होनी चाहिए. आप अगर टैक्स नहीं चुकाएंगे तो इसे टैक्स चोरी मानी जाएगी. आज हम आपको बता रहे हैं कि सोना बेचते समय आपको कितना इनकम टैक्स देना होगा.
फिजिकल गोल्ड
- फिजिकल गोल्ड 3 साल के अंदर बेचेंगे तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा. इसे बेचने से होने वाले लाभ पर आपके इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा.
- फिजिकल गोल्ड अगर 3 साल के बाद बेचा बेचेंगे तो इसे लॉग टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा. इस पर 20% टैक्स लगेगा.
गोल्ड म्यूचुअल फंड या गोल्ड ETF
- गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स को लेकर अलग से नियम नहीं हैं. इ
- ससे मिलने वाले लाभ पर फिजिकल गोल्ड की तरह ही टैक्स लगता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
- बॉन्ड का मेच्योरिटी पीरियड 8 साल का है. निवेशक चाहें 5 साल बाद बाहर निकाल सकते हैं.
- अगर आप रिडेम्पशन विंडो (खुलने के 5 साल बाद) के पहले या सेकेंड्री मार्केट के जरिए बाहर निकलते हैं तो फिजिकल गोल्ड या गोल्ड म्यूचुअल फंड या गोल्ड ईटीएफ पर लगने वाला कैपिटल गेन टैक्स लगेगा.
- यह भी ध्यान रखें कि गोल्ड बॉन्ड 2.50% की दर से ब्याज का भुगतान करते हैं. ब्याज आपके टैक्स स्लैब के अनुसार पूरी तरह से टैक्सेबल है.