Paytm IPO: देश के सबसे बड़े IPO के लिए पैसे जुटाना नहीं था आसान, रास्ते में आईं ये मुश्किलें
Paytm IPO: विजय शेखर शर्मा की कंपनी पेटीएम भले ही आज देश का सबसे बड़ा IPO लाने वाली कंपनी बन गई हो लेकिन एक सच ये भी है कि फुल सब्सक्रिप्शन के लिए IPO को बड़ा संघर्ष करना पड़ा था.
Paytm IPO: पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस (One97 Communications) के इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) को लेकर निवेशकों में थोड़ा कम उत्साह देखने को मिला था. अगर इसके आस पास या कहें साथ में आए दूसरे IPOs से तुलना की जाए तो उनमें इससे अच्छा रिसपॉन्स ही देखने को मिला था.
पेटीएम को अपने 18,000 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए बोली के आखिरी दिन ही किसी तरह से पूरा सब्सक्रिप्शन मिल पाया. यह एक ऐसा तथ्य है जो शेयर बाजार में हाल फिलहाल आई रैली और IPO बूम के बीच शायद ही सुनने को मिली थी. और तो और टेक कंपनियों और दूसरे स्टार्टअप के IPO से तुलना की जाए तो उनमें कई गुना सब्सक्रिप्शन का ट्रेंड रहा. बोली के आखिरी दिन, पेटीएम का आईपीओ सिर्फ 1.9 गुना सब्सक्राइब हुआ.
इसके सब्सक्रिप्शन की शुरुआत पहले दिन से ही काफी धीमी रही. बोली के पहले दिन यह 18 पर्सेंट और दूसरे दिन 48 पर्सेंट सब्सक्राइब हुआ. गैर संस्थागत निवेशकों (NII) ने इस इश्यू को लेकर बहुत कम दिलचस्पी दिखाई. NII के लिए आरक्षित हिस्से को अंतिम दिन तक 24 पर्सेंट सब्सक्रिप्शन ही मिल सका. NII, में हाई नेट वर्थ (HNIs) वाले इंडीविजुअल भी शामिल हैं. वहीं रिटेल निवेशकों के लिए आरक्षित हिस्से को 1.6 गुना अधिक सब्सक्रिप्शन मिला.
आखिर में कामयाब हुई कंपनी
अंतिम दिन क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) कैटेगरी में 2.8 गुना ज्यादा सब्सक्रिप्शन देखने को मिला. पेटीएम ने QIB के लिए लगभग 2.63 करोड़ शेयर आरक्षित किए थे. पहले दिन, QIB कैटेगरी के लिए आरक्षित शेयरों में से केवल 6 पर्सेंट शेयरों के लिए ही बोलियां मिली थीं.
हालांकि पेटीएम के आईपीओ को आखिरी दिन तक इश्यू साइज से अधिक बोलियां मिल गईं, लेकिन इसमें नायका, जोमैटो और पॉलिसीबाजार की जैसे दूसरे स्टार्टअप की तरह भारी उत्साह नहीं देखने को मिला.
कम प्रतिक्रिया ये थी वजह
पेटीएम के इश्यू की वैल्यूएशन उससे वित्त वर्ष 2021 के रेवेन्यू का लगभग 50 गुना है. अंतरराष्ट्रीय मार्केट में लिस्टेड इसकी समकक्ष कंपनियों से तुलना करने पर यह मंहगा लगता है. साथ ही लोगों के मन में इसके सुपर-ऐप जैसे कारोबार को समझना भी मुश्किल लग रहा था.
कंपनी के प्रदर्शन पर विशेषज्ञों की मिली-जुली राय थी. कुछ ने कहा कि कंपनी खुद को एक सुपर-ऐप के रूप में प्रचारित कर रही है, जो फ्लाइट बुकिंग से लेकर स्टॉक खरीदने तक सारे सेवाएं एक ही जगह मुहैया करा रही हैं. वहीं कुछ ने महसूस किया कि कंपनी अपने कारोबार के मॉडल को बेचने पर ही संघर्ष कर रही है.
Nykaa IPO
पेटीएम की तुलना में नायका के आईपीओ का कहीं अच्छा प्रदर्शन रहा. उसके IPO को बोली शुरू होने के पहले ही दिन 1.5 गुना सब्सक्रिप्शन मिल चुका था. वहीं तीसरे दिन बोली खत्म होने तक नायका को 80 गुना अधिक सब्सक्रिप्शन मिला. नायका को QIB कैटेगरी में 91 गुना और NII कैटेगरी में 112 गुना अधिक बोली देखने को मिली. वहीं रिटेल निवेशकों ने 1.8 गुना अधिक बोली लगाई.
PolicyBazaar IPO
5,000 करोड़ रुपये के PolicyBazaar IPO को पहले दिन 0.50 पर्सेंट सब्सक्रिप्शन मिला. दूसरे दिन यह आईपीओ पूरा सब्सक्राइब हो गया और तीसरे दिन बोली खत्म होने तक इसे 16.5 गुना अधिक सब्सक्रिप्शन मिला.
Zomato IPO
जोमैटो के IPO को 40 गुना ज्यादा सब्सक्रिप्शन मिला था. कंपनी में रिटेल निवेशकों ने अपने हिस्से के लिए आरक्षित शेयर का 78 गुना अधिक बोली लगाई थी। वहीं QIB कैटेगरी में 55 गुना और NII कैटेगरी में 35 गुना अधिक बोली देखने को मिली थी.
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