EPS Account Holder Death Claim : आज के दौर में हर व्यक्ति अपनी कमाई का कुछ हिस्सा अपने बुढ़ापे को ध्यान में रखते हुए जमा करता है, जिसके बाद उनको बुढ़ापे में कभी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है. आपको बता दे कि कर्मचारी को प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) का पैसा उसके रिटायरमेंट (Retirement) के बाद या कुछ कंडीशन में पहले भी मिल जाता है. कर्मचारी भविष्य निधि (Employees Provident Fund) के लिए योग्य हर व्यक्ति कर्मचारी पेंशन योजना (Employee Pension Scheme) के लिए भी पात्र होता है. हालांकि इसे ईपीएफओ द्वारा मैनेज किया जाता है.


58 के बाद मिलेगी पेंशन
आप जब 58 वर्ष की आयु हो जायेंगे तक आपको पेंशन मिलना शुरू होगी. आप 50 की आयु में इस अकाउंट से पैसा निकालना शुरू कर सकते हैं. वही दूसरी और अगर आप 60 साल के बाद पेंशन लेते हैं तो तय पेंशन में अतिरिक्त 4 फीसदी रकम मिलेगी. 


नौकरी में 10 साल होना जरूरी 
इस योजना में रिटायरमेंट के बाद खाताधरक को हर महीने की पेंशन मिलती है. अगर नौकरी के दौरान विकलांगता या कर्मचारी की मृत्यु होने पर आपके परिवार को पेंशन का लाभ दिया जाता है. इस योजना में खाताधारक कम-से-कम 10 साल नौकरी करना जरूर है. इस योजना में अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो आपके परिवार को पेंशन लेने के लिए कौन से दस्तावेज जमा करने होने, उन्हें आप देख सकते है. 


ये कागजात पूरे करें



  • कर्मचारी का डेथ सर्टिफिकेट

  • कर्मचारी का आधार कार्ड की कापी

  • बैंक खातों की जानकारी, एक ओरिजिनल कैंसिल चेक 

  • बेनिफिशियरी के बैंक पासबुक की अटेस्टेड कॉपी की जरूरत

  • अगर बेनिफिशयरी नाबालिग है तो उसका आयु प्रमाण पत्र देना होगा.


इतना होता है योगदान
बेसिक सैलरी और डीए का 3.67 फीसदी ईपीएफ में जाता है जबकि कर्मचारी द्वारा बेसिक और डीए का 8.33 हिस्सा ईपीएस में जाता है. इस तरह से कर्मचारी और मालिक की ओर से ईपीएफओ के पास कर्मचारी की सैलरी व डीए का 12 फीसदी ईपीएफओ के पास जमा होता है.


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