भारतीय बाजार में निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों का लंबा इंतजार जल्द समाप्त हो सकता है. नियामक आरबीआई जल्दी ही उन्हें त्योहारों का शानदार तोहफा दे सकता है. आरबीआई और क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया विदेशी निवेशकों के लिए ट्रेडिंग का टाइम बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि जल्दी ही इस पर नियामकीय मुहर लग सकती है.


तेज हो सकती है निवेशकों की मांग


विदेशी निवेशक लंबे समय से भारतीय बाजार में अपने लिए ट्रेडिंग का टाइम बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल बॉन्ड इंडिसेज में भारतीय बाजार को शामिल किए जाने से स्थानीय बॉन्ड बाजार में विदेशी निवेशकों की भागीदारी बढ़ सकती है. इस कारण रिजर्व बैंक और सीसीआईएल विदेशी निवेशकों के लिए रिपोर्टिंग विंडो को बढ़ाने पर विचार कर रहा है.


इतना निवेश बढ़ने की उम्मीद


आपको बता दें कि एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में जेपी मॉर्गन ने अपने इंडेक्स में भारतीय बाजार को शामिल करने का ऐलान किया है. जेपी मॉर्गन ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह अपने गवर्नमेंट बॉन्ड इंडेक्स इमर्जिंग मार्केट में भारत को शामिल करेगा. इस इंडेक्स में भारत को अगले साल जून से जगह मिलेगी. इस डेवलपमेंट के बाद उम्मीद की जा रही है कि आने वाले सालों में भारत के सॉवरेन बॉन्ड बाजार में 20 बिलियन डॉलर से ज्यादा का फ्लो आ सकता है.


इन इंडिसेज में मिल सकती है जगह


वहीं जेपी मॉर्गन के इस कदम के बाद यह भी उम्मीद तेज हुई है कि भारतीय बाजार को अन्य इंडेक्स में भी जगह मिल सकती है. उदाहरण के लिए जेपी मॉर्गन के कदम के बाद अब ब्लूमबर्ग ग्लोबल एग्रीगेट इंडेक्स और एफटीएसई इमर्जिंग मार्केट्स गवर्नमेंट बॉन्ड इंडेक्स में भी भारतीय बाजार को जगह मिल सकती है. अगर ऐसा होता है तो भारतीय बॉन्ड बाजार में विदेशी निवेशकों की भागीदारी में काफी इजाफा होगा.


अभी ये है ट्रेडिंग का टाइम


अभी सरकारी बॉन्ड के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को सीसीआईएल होस्ट करता है और उस पर रिजर्व बैंक की निगरानी रहती है. अभी सीसीआईएल का नेगोशिएटेड डीलिंग सिस्टम-ऑर्डर मैचिंग यानी NDS-OM प्लेटफॉर्म, जिस पर सरकारी बॉन्ड की ट्रेडिंग होती है, सुबह 9 बजे से शाम के 5 बजे तक काम करता है. विदेशी निवेशकों के बीच डील होने की स्थिति में, यानी जब बेचने और खरीदने वाले दोनों विदेशी निवेशक हों, तो ऐसे मामलों में शाम के 5 बजे से 8 बजे तक अलग से रिपोर्टिंग का समय मिलता है.


एफपीआई के लिए ये अलग व्यवस्था


इसका मतलब हुआ कि घरेलू बाजार के बंद होने के बाद यानी शाम के 5 बजे के बाद एफपीआई सिर्फ आपस में सौदे कर सकते हैं और 8 बजे तक सीसीआईएल को सौदे की जानकारी दे सकते हैं. अब जैसी उम्मीद लग रही है, अगर एफपीआई की भागीदारी बढ़ती है तो ट्रेडिंग के समय को बढ़ाने की मांग तेज हो सकती है. इसका मुख्य कारण भारत और अन्य देशों के बीच समय का अंतर है. यही कारण है कि नियामक एफपीआई के लिए ट्रेडिंग टाइम के एक्सटेंशन पर विचार कर रहे हैं.


ये भी पढ़ें: यात्रा ऑनलाइन के आईपीओ में पैसे लगाने वालों का नुकसान, 10 फीसदी डिस्काउंट पर हुई लिस्टिंग