Zomato & Swiggy: Domino's नहीं लेगा जोमैटो - स्विगी ऐप पर पिज्जा का आर्डर, बना सकता है इन ऐप से दूरी!
Domino's India: CCI को लिखे पत्र में कंपनी ने कहा कि, ज्यादा कमीशन रेट्स के चलते, जुबिलेंट अपने बिजनेस को ऑनलाइन रेस्तरां प्लेटफॉर्म से इन-हाउस ऑर्डरिंग सिस्टम में शिफ्ट किए जाने पर विचार करेगा.
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Zomato & Swiggy Update: आने वाले दिनों में हो सकता है कि ऑनलाइन फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो ( Zomato) और स्विगी ( Swiggy) के ऐप पर आप डोमिनोज पिज्जा (Domino's Pizza) आर्डर करने की सोचें लेकिन मनपसंद पिज्जा आपको ना मिले. दरअसल डोमिनोज पिज्जा इंडिया की फ्रेंचाइजी कंपनी जुबिलैंट फूडवर्क्स (Jubilant FoodWorks ) जो देश में डोमिनोज और डनकिन डोनट्स (Dunkin Donuts) रिटेल चेन चलाती है वो जोमैटो और स्विगी के ऑनलाइन ऐप से आर्डर लेना बंद कर दे. ये खुलासा खुद जूबिलेंट फूडवर्क्स ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission Of India) के पास जमा कराये गए गोपनीय फाइलिंग में यह खुलासा किया है. आपको बता दें , भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग जोमैटो और स्विगी की कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं ( Anti Competitive Practices) की जांच कर रहा है.
जूबिलेंट फूडवर्क्स भारत की सबसे बड़ी फूड सर्विस कंपनी है, जिसके पास 1,567 डोमिनोज तो 28 डनकिन के आउटलेट शामिल हैं. दरअसल CCI ने अप्रैल में Zomato और Swiggy के खिलाफ की जांच का आदेश दिया था, जब रेस्तरां कंपनियों के समूह ने पक्षपात, अत्यधिक कमीशन और एंटी - कॉम्पिटिटिव प्रैक्टिस का आरोप लगाया था. हालांकि जोमैटो और स्विगी ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक CCI ने अपनी जांच के दौरान डोमिनोज इंडिया फ्रैंचाइजी और कई अन्य रेस्तरां से जवाब मांगे जाने के बाद, जुबिलेंट ने इस महीने CCI को बताया कि कि उसके कुल कारोबार का 26-27% ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से आता है. जिसमें उसका अपना मोबाइल एप्लिकेशन और वेबसाइट शामिल है. कंपनी ने 19 जुलाई को सीसीआई लिखे पत्र में कहा कि, ज्यादा कमीशन रेट्स के चलते, जुबिलेंट अपने बिजनेस को ऑनलाइन रेस्तरां प्लेटफॉर्म से इन-हाउस ऑर्डरिंग सिस्टम में शिफ्ट किए जाने पर विचार करेगा. जूबिलेंट फूडवर्क्स की ये चेतावनी तब आई है जब जब जोमैटो और स्विगी पर भारत में कई रेस्तरां ने पक्षपात का आरोप लगाया है.
नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया की एक शिकायत के बाद सीसीआई ने जांच की शुरुआत की, जिसके 500,000 से अधिक सदस्य हैं. एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि जोमैटो और स्विगी द्वारा 20% से 30% कमीशन लिया जाता है जो अव्यवहारिक है.
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