क्या डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ से महंगा हो जाएगा iPhone, 2 अप्रैल से लागू होगा फैसला
Apple ने भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशन्स को तेजी से बढ़ाया है. भारत में आईफोन असेंबल करने वाली कंपनियां हैं, फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और टाटा ग्रुप.

अमेरिका की नई 'रिसिप्रोकल टैरिफ पॉलिसी' iPhone की कीमतों पर बड़ा असर डाल सकती है. दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका यह नीति 2 अप्रैल 2025 से लागू करेगा. ट्रंप का कहना है कि इसका मकसद उन देशों पर टैरिफ लगाना है, जो अमेरिकी सामानों पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं. भारत भी ऐसे ही देशों में शामिल है, क्योंकि वह लंबे समय से इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल जैसे सामानों पर भारी आयात शुल्क लगाता रहा है.
'मेड-इन-इंडिया' iPhone पर पड़ेगा असर
Apple ने भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशन्स को तेजी से बढ़ाया है. भारत में आईफोन असेंबल करने वाली कंपनियां हैं, फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और टाटा ग्रुप. यहां iPhone 16 Pro और 16 Pro Max जैसे मॉडल्स असेंबल किए जाते हैं, जो घरेलू बाजार के साथ-साथ एक्सपोर्ट भी किए जाते हैं.
अभी तक भारत में बने iPhone अमेरिका में ड्यूटी-फ्री जाते हैं, जिससे Apple को कॉस्ट एडवांटेज मिलता है. लेकिन अमेरिका की नई नीति के तहत भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स पर 16.5 फीसदी टैरिफ लग सकता है, जो भारत द्वारा अमेरिकी इलेक्ट्रॉनिक्स पर लगाए गए टैक्स के बराबर होगा.
अगर ऐसा हुआ तो इस टैरिफ से Apple का एक्सपोर्ट कॉस्ट बढ़ सकता है, जिससे भारत का मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में फायदा कम हो सकता है. अगर Apple यह बढ़ा हुआ खर्च अमेरिकी ग्राहकों पर नहीं डालता, तो इससे कंपनी के ग्लोबल प्रॉफिट मार्जिन पर असर पड़ सकता है.
भारत में iPhone की कीमतों पर क्या होगा असर?
हालांकि यह टैरिफ सीधे तौर पर भारत से अमेरिका को होने वाले एक्सपोर्ट को टारगेट करता है, लेकिन इसके इनडायरेक्ट इफेक्ट्स भारत में iPhone की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं. दरअसल, इससे मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ सकती है. अगर Apple को टैरिफ या सप्लाई चेन में दिक्कतों की वजह से ज्यादा खर्च उठाना पड़ता है, तो वह ग्लोबल प्रॉफिटेबिलिटी बनाए रखने के लिए कीमतें बढ़ा सकता है.
इसके अलावा, अगर भारत में बने iPhone का कॉस्ट एडवांटेज कम होता है, तो Apple यहां अपने निवेश को कम कर सकता है, जिससे लोकल प्रोडक्शन और कीमतें प्रभावित हो सकती हैं. वहीं, अगर Apple को कॉम्पोनेंट्स या फिनिश्ड डिवाइसेज दूसरे देशों से इंपोर्ट करने पड़ें, जहां अमेरिका ने टैरिफ बढ़ा दिया है, तो यह खर्च भारतीय ग्राहकों पर आ सकता है.
भारत में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट
भारत Apple के लिए एक अहम मार्केट है, जहां मिडिल क्लास की बढ़ती ताकत से डिमांड बढ़ रही है. पिछले कुछ सालों में भारत सरकार ने मोबाइल फोन्स पर कस्टम ड्यूटी कम कर दी थी, जिससे iPhone की कीमतों में कमी आई थी. लेकिन अमेरिका की नई टैरिफ नीति से यह ट्रेंड उलट सकता है.
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