अपना घर बनवाना हर किसी का सपना होता है, लेकिन इसे पूरा कर पाना आसान नहीं होता है. अगर आप घर बनवाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको प्लॉट खरीदने के लिए पैसे जुटाने होंगे. इसके बाद घर बनाने के खर्च की व्यवस्था करनी होगी. यही कारण है कि लोग घर बनवाते समय पैसे बचाने का हर संभव उपाय करते हैं. हालांकि कई लोग घर बनवाते समय पैसे बचाने के चक्कर में कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जो लंबे समय तक भारी पड़ता है.


जरूर लें इनकी मदद


हालांकि अगर आप सावधानी से काम लें तो बिना घर की मजबूत से समझौता किए भी अच्छे से पैसे बचा सकते हैं. इससे न तो मजबूती प्रभावित होगी और न ही घर की सुंदरता पर कोई असर होगा. आप इसके लिए अगर विशेषज्ञों यानी सिविल इंजीनियर जैसे प्रोफेशनल्स की मदद लेंगे, तो ज्यादा अच्छा रहेगा.


मजबूती के साथ बचत


घर बनाते समय पैसा हर कोई बचाना चाहता है, लेकिन स्ट्रक्चर से जुड़े कामों जैसे फाउंडेशन, दीवार, छत और फर्श के मामले में इंजीनियर की सलाह से आगे बढ़ना चाहिए. बिल्डिंग मटेरियल का इस्तेमाल भी उसी हिसाब से होना चाहिए, ताकि बाद में आपको पछताना न पड़े. घर में कई काम ऐसे भी हैं, जिनमें पैसा बच सकता है वो भी स्ट्रेन्थ से समझौता किए बगैर...


यहां है गुंजाइश


मकान की कंस्ट्रक्शन कॉस्ट में फिनिशिंग और फिटिंग्स कॉस्ट का हिस्सा 20 फीसदी तक होता है. इसमें सैनेटरी वेयर, प्लम्बिंग आइटम, इलेक्ट्रिक फिटिंग्स, दरवाजे-खिड़कियां और रंगाई-पुताई शामिल है. इनमें कटौती की गुंजाइश रहती है.


प्लम्बिंग के काम


प्लम्बिंग में पाइपिंग के काम से समझौता नहीं करना चाहिए. ऐसा करना घर में सीलन या सिपेज की वजह बन सकता है. लोहे की जगह प्लास्टिक पाइप का इस्तेमाल करें. ये सस्ते पड़ते हैं और जंग लगने का खतरा भी नहीं रहता है. ब्रांडेड सैनेटरी वेयर और बाथरूम फिटिंग की जगह लोकल ब्रांड के अच्छे क्वालिटी के आइटम इस्तेमाल कर सकते हैं, जो ब्रांडेड के मुकाबले 30 से 35 फीसदी तक सस्ते पड़ते हैं. उदाहरण के तौर पर, ब्रांडेड टैप यानी टोटी की कीमत 1,500 रुपये तक होती है, जबकि नॉन-ब्रांडेड का दाम 300-350 रुपये होता है.


इलेक्ट्रिक वर्क्स


पूरे घर में बिजली का जो भी काम करें, उसका ब्लूप्रिंट जरूर बनवाएं. वायरिंग सिस्टम में बदलाव या खराबी की सूरत में यह काफी काम आता है. वायरिंग के लिए कॉपर का तार इस्तेमाल करें. जरूरत के हिसाब से इलेक्ट्रिक बोर्ड, स्विच और सॉकेट लगवाएं. फैंसी सामान के बजाए प्रोडेक्ट की क्वालिटी पर ध्यान दें. फैंसी स्विच, सॉकेट, बोर्ड या दूसरे सामान महंगे पड़ते हैं. घर में फ्रिज, टीवी, AC, वॉशिंग मशीन, गीजर जैसे कई Appliances इस्तेमाल होते हैं. इन्हें खरीदते समय रेटिंग जरूर चेक करें. 5 स्टार रेटिंग उपकरण खरीदें. ये थोड़े महंगे जरूर पड़ते हैं, लेकिन बिजली का बिल बचाते हैं.


वुडेनवर्क और इंटीरियर


मार्बल की जगह कंक्रीट फ्लोरिंग बनवा सकते हैं. बाजार में मार्बल यानी संगमरमर 200 से 800 रुपये वर्ग फुट में मिल जाता है. इसे लगवाने का खर्च अलग से है. इसके लुक को बरकरार रखने के लिए नियमित पॉलिशिंग की जरूरत होती है. वहीं, कंक्रीट फर्श की कॉस्ट 60 से 100 रुपये वर्ग फुट होती है. कमरों में फॉल सीलिंग की जरूरत न हो तो इसे टाला जा सकता है. खिड़की और दरवाजे में लकड़ी की जगह लोहे की चौखट लगा सकते हैं. मॉड्यूलर के बजाए नॉर्मल किचन बनवा सकते हैं. ब्रांडेड पेंट की जगह अच्छी क्वॉलिटी का नॉर्मल पेंट इस्तेमाल कर सकते हैं.


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