ग्लोबल मार्केट के असर से घरेलू मार्केट में गोल्ड के दाम में गिरावट आ रही है. दरअसल कोविड-19 की वैक्सीन के मोर्चे पर सफलता और आर्थिक गतिविधियों में रफ्तार की वजह से निवेशकों का रुझान अब गोल्ड की ओर कम हुआ है. इस वजह से इसमें भारी गिरावट दर्ज की गई है. इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष (मुंबई) कुमार जैन के मुताबिक सोने की कीमतों में अगस्त की तुलना में 8000 रुपये से अधिक की गिरावट आई है और COVID-19 वैक्सीन को लेकर आशावाद के कारण और गिरावट की संभावना है. दिसंबर में सोने के भाव  45,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच सकते हैं.

अंतरराष्ट्रीय निवेशक गोल्ड से निकल रहे हैं 

विश्लेषकों का कहना है कि सोने में गिरावट का दौर शुरू हो चुका है. अंतरराष्ट्रीय निवेशक अब इसमें से पैसा निकाल रहे हैं.  सोने का अगला लेवल 47 हजार रुपये प्रति दस ग्राम का है. लेकिन जिस तरह से लगातार गिरावट आ रही है उसमें कोई आश्चर्य नहीं कि यह 45 हजार रुपये तक पहुंच जाए. कुछ विश्लषकों का मानना है कि इसमें और गिरावट आ सकती है.  उनके मुताबिक गोल्ड खरीदने वालों को अभी एक-दो महीना इंतजार करना चाहिए. जैसे ही कोरोना वैक्सीन बाजार में आएगी इसके दाम में और तेज गिरावट आ सकती है.

फायदे का सौदा है गोल्ड में निवेश 

दरअसल गोल्ड में निवेश ज्यादातर वक्त फायदेमंद रहता है. किसी भी निवेशक को अपने पोर्टफोलियो का पांच से दस फीसदी गोल्ड निवेश के रूप में रखना चाहिए. चूंकि गोल्ड की लिक्विडिटी बहुत ज्यादा होती है इसलिए यह निवेशकों का पसंदीदा निवेश है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक भारत में इस वक्त ज्वैलरी की मांग में कमी आई है लेकिन आने वाले दिनों में इसमें तेजी आ सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि सोना जरूर खरीदें लेकिन थोड़ा ठहर कर.

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