Housing Price Increase: अगर आप अपने लिए आशियाना खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको अपना बजट बढ़ाना होगा. देश के बड़े छह शहरों में घरों की कीमतों में इजाफा देखा जा सकता है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2020-23 में घरों की कीमतों में 6 से 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी जा सकती है.
महंगा हुआ आशियाना
क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कच्चे माल, लेबर, जमीन की कीमतों में उछाल और घरों की मांग में जबरदस्त तेजी के चलते देश के छह बड़े शहरों में घरों की कीमतों में 6 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 में हो सकती है. रेटिंग एजेंसी के मुताबिक कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला यहीं थमने वाला नहीं है. 2023-24 में घरों के दामों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहने वाला है. अगले वित्त वर्ष में 3 से लेकर 5 फीसदी तक घरों की कीमतों में इजाफा देखने को मिल सकता है.
घरों की बढ़ी मांग
रिपोर्ट में भी कहा गया है कि घरों की भारी मांग के चलते 2022-23 में बड़ी रियल एस्टेट कंपनियां के सेल्स में 25 फीसदी का इजाफा देखने को मिलेगा. वहीं 2023-24 में 10 से 15 फीसदी तक सेल्स में बढ़ोतरी होगी. क्रिसिल के रिपोर्ट के मुताबिक अनसोल्ड इंवेंटरी में कमी आई है. खाली घरों (बिना बिके मकानों) का स्तर ढाई साल पर आ गया है जो महामारी से पहले चार साल था. इसकी वजह बड़ी रियल एस्टेट सेक्टर के कर्ज लेने की क्षमता में सुधार है.
हाइब्रिड मॉडल का फायदा
क्रिसिल के मुताबिक कई जगहों पर अभी भी दफ्तर और घर से काम का हाइब्रिड मॉडल लागू है. ऐसे में कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद बड़े घरों की मांग पर कोई असर नहीं पड़ा है. जिन छह बड़े शहरों के आधार पर रिपोर्ट तैयार किया गया है उसमें मुंबई महानगर क्षेत्र, दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद और कोलकाता शामिल है.
रिपोर्ट में शामिल कंपनियों में ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, डीएलएफ, गोदरेज प्रॉपर्टीज, कोलते-पाटिल डेवलपर्स, मैक्रोटेक डेवलपर्स, महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स, ओबेरॉय रियल्टी, प्रेस्टीज एस्टेट प्रोजेक्ट्स, पूर्वांकरा, सोभा और सनटेक रियल्टी शामिल हैं.
महंगे कर्ज के बाद महंगा कर्ज भी
साफ है घर खरीदारों पर दोहरी मार पड़ने वाली है एक तो महंगा घर उसपर से खऱीदने के लिए होम लोन भी लगातार महंगा होता जा रहा है. आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के बाद से बैंक होम लोन के ब्याज दरों को बढ़ाकर ईएमआई महंगी करते जा रहे हैं.
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