Chief Economic Advisor: इकॉनमिक सर्वे पेश होने के पहले सरकार ने बनाया वी. अनंत नागेश्वरन को मुख्य आर्थिक सलाहकार
Chief Economic Advisor: इकॉनमिक सर्वे पेश किए जाने के ठीक तीन दिन पहले केंद्र सरकार ने वी. अनंत नागेश्वरन को मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया और शुक्रवार को ही उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया है.

Chief Economic Advisor: मोदी सरकार ने डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन को मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया है और आज उन्होंने कार्यभार ग्रहण कर लिया है. इस नियुक्ति से पहले डॉ. नागेश्वरन एक लेखक, शिक्षक और सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं. उन्होंने भारत और सिंगापुर में कई बिजनेस स्कूलों और प्रबंधन संस्थानों में पढ़ाया है और बड़े पैमाने पर प्रकाशित किया है.
वी. अनंत नागेश्वरन IFMR ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन और Krea विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विशिष्ट विजिटिंग प्रोफेसर थे. वह 2019 से 2021 तक भारत के प्रधान मंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य भी रहे हैं. उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है और एमहर्स्ट (Amherst) में मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय (University of Massachusetts) से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है.
Government appoints Dr V. Anantha Nageswaran as the Chief Economic Advisor and today, he has assumed charge.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 28, 2022
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वी. अनंत नागेश्वरन को मुख्य आर्थिक सलाहकार उस समय बनाया गया है जब 31 जनवरी 2022 से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है. और पहले ही दिन इकॉनमिक सर्वे पेश किया जाता है जिसे तैयार करने की जिम्मेदारी मुख्य आर्थिक सलाहकार की होती है.
इकोनॉमिक सर्वे होता है देश के आर्थिक विकास का सालाना लेखा-जोखा
आर्थिक सर्वेक्षण या इकोनॉमिक सर्वे देश के आर्थिक विकास की जानकारी देने वाला सालाना लेखा-जोखा होता है. आर्थिक सर्वेक्षण में पिछले एक साल में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट शामिल की जाती है, जिसमें प्रमुख चुनौतियों और योजनाओं का जिक्र होता है साथ ही बताया जाता है इन तमाम चुनौतियों को पूरा करने में देश कितना सफल रहा. आर्थिक सर्वेक्षण यह जानकारी भी देता है कि छोटी और मध्यम अवधि में अर्थव्यवस्था में किस तरह की संभावनाएं मौजूद हैं.
ये महत्वपूर्ण दस्तावेज़ आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) के आर्थिक प्रभाग द्वारा CEA के मार्गदर्शन में तैयार किया जाता है. दस्तावेज़ तैयार होने के बाद, सर्वेक्षण को वित्त मंत्री द्वारा अप्रूवड किया जाता है. आर्थिक सर्वे को सबसे पहले संसद के दोनों सदनों में वित्त मंत्री द्वारा सदन के पटल पर पेश किया जाता है. और इसके बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार सर्वे के बारे में जानकारी देते हैं. जिसमें मौजूदा वित्तीय वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था की दिशा दशा क्या रही इसकी जानकारी तो वे देते ही हैं. साथ में आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए विकास दर का अनुमान भी वे देते हैं. आर्थिक सर्वे की छाप अगले दिन पेश होने वाले बजट पर भी नजर आती है.
दरअसल पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन का कार्यकाल दिसंबर 2021 में खत्म हो गया था. कार्यकाल खत्म होने से पहले ही उन्होंने पद छोड़ने की घोषणा करते हुए कहा था कि वह अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद शिक्षा जगत में वापस लौट जाएंगे. कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन हैदराबाद स्थित Indian Business School (IBS) में पढ़ाते हैं.
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