क्या आपके ड्राइविंग लाइसेंस पर भी लिखा है From 7 Rule 16 (2) ? अभी जानें क्या है मतलब
Driving License: ड्राइविंग लाइसेंस के पीछे की तरफ Form 7 Rule 16 (2) लिखा होने का मतलब है कि आपने लैमिनेटेड या स्मार्ट कार्ड अप्लाई करने के लिए फार्म 7 भरकर जमा किया था.
Driving License: समय के साथ-साथ दुनिया स्मार्ट होती जा रही है ऐसे में ड्राइविंग लाइसेंस क्यों पुराना हो. स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस एक क्रेडिट या डेबिट कार्ड की तरह दिखता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत इसमें मौजूद माइक्रोप्रॉसेसर चिप है, जिसमें ड्राइवर से जुड़ी हर डिटेल मौजूद रहती है. पुराना ड्राइविंग लाइसेंस एक नोटबुक या बुकलेट की तरह दिखता था, लेकिन अब इसे अपग्रेड कर स्मार्ट बना दिया गया है.
Form 7 Rule 16 (2) का मतलब
आपने देखा होगा कि आपके ड्राइविंग लाइसेंस के पीछे की तरफ Form 7 Rule 16 (2) लिखा है, तो इसका मतलब है कि आपका स्मार्ट कार्ड लेमिनेटेड और चिप युक्त है, जिसमें आपकी हर डिटेल छिपी है. वाहन चेकिंग के दौरान महज इस चिप को स्कैन करने के साथ ही आपकी सारी डिटेल आ जाएगी.
स्मार्ट कार्ड के लिए जब भी आप अप्लाई करेंगे, तो आपको Form 7 Rule 16 (1) और Form 7 Rule 16 (2) दोनों मिलेगा. इसमें 1 बिना चिप लगा हुआ स्मार्ट कार्ड होता है और 2 चिप के साथ स्मार्ट कार्ड होता है. कुल मिलाकर अगर आपको लेमिनेटेड कार्ड या स्मार्ट कार्ड के लिए अप्लाई करना है, तो आपको Form 7 भरना होगा. इसके बाद जब आपको कार्ड इश्यू होगा, तो इस पर Form 7 Rule 16 (2) या (1) लिखा हुआ रहेगा.
टैम्पर प्रूफ होता है स्मार्ट कार्ड
ड्राइविंग लाइसेंस क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा जारी किया जाता है. स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस में लाइसेंसर की बायोमेट्रिक जानकारी को आरटीओ (Regional Transport Office) के सर्वर में स्टोर कर लिया जाता है. प्लास्टिक का यह कार्ड टैम्पर प्रूफ होता है यानी कि इसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता है. इसमें एम्बेडेड माइक्रोप्रोसेसर चिप 64 केबी मेमोरी की होती है.
इस तरह से करें अप्लाई
अगर आपको ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करना है, तो भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की परिवहन सेवा की आधिकारिक वेबसाइट (parivahan.gov.in) पर जाना होगा. इसके बाद ऑनलाइन सर्विसेज के ड्रॉप डाउन मेन्यू पर जाकर ड्राइविंग लाइसेंस सर्विस पर क्लिक करना होगा. इसके बाद अपना राज्य और आरटीओ एरिया सिलेक्ट करना होगा.
इसके बाद अपनी सारी जानकारी भरें और आईडी प्रूफ, एज प्रूफ और निवास प्रमाण पत्र को स्कैन के जरिए अपलोड करें. डॉक्यूमेंट के बाद फोटो और सिग्नेचर को अपलोड करें. इसके बाद अगर जरूरी है तो डीएल टेस्ट स्लॉट बुक करें और फीस भर दें. इसके बाद टेस्टिंग के लिए तय समयानुसार आरटीओ पर जाएं. टेस्ट में पास हो गए, तो डीएल पोस्ट के जरिए आपके एड्रेस तक पहुंचा दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: क्यों लगी होती है ज्यादातर एटीएम और क्रेडिट कार्ड पर उड़ते हुए कबूतर की स्टिकर?