Dubai Property: दुबई में किस देश के लोगों की हैं सबसे ज्यादा प्रॉपर्टी, जानिए भारत का नंबर
Dubai Leaks: दुबई में भारत के अलावा पाकिस्तान के लोग भी बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी खरीदते हैं. लीक हुए डेटा के अनुसार, दुबई में लोग निवेश करने के साथ ही कई अन्य वजहों से भी संपत्ति लेते हैं.
Dubai Leaks: एशिया में दुबई को एक शानदार शहर के तौर पर गिना जाता है. यहां के डेवलपमेंट मॉडल की तारीफ पूरी दुनिया में होती है. यही वजह है कि दुनियाभर के लोग यहां प्रॉपर्टी खरीदने के लिए उत्सुक रहते हैं. दुबई में सबसे ज्यादा संपत्ति भारत के लोगों की है. इसके बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान का नंबर आता है.
सबसे ज्यादा 35 हजार संपत्तियां 29,700 भारतीय लोगों की
एक रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में विदेशियों के मालिकाना हक वाली प्रॉपर्टी की वैल्यूएशन साल 2022 तक 160 अरब डॉलर हो चुकी थी. यहां एक से एक नामी गिरामी लोगों ने संपत्ति खरीदी हुई है. पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, दुबई में सबसे ज्यादा 35 हजार संपत्तियां 29,700 भारतीय लोगों की हैं. साल 2022 तक इन प्रॉपर्टी की वैल्यू लगभग 17 अरब डॉलर आंकी गई थी. भारत के बाद 23 हजार संपत्तियों के साथ पाकिस्तान का नंबर आता है. दुबई में पाकिस्तान के 17 हजार लोगों की प्रॉपर्टी हैं.
दुबई अनलॉक्ड नाम की इंटरनेशनल रिपोर्ट से हुआ खुलासा
डॉन की यह रिपोर्ट ‘दुबई अनलॉक्ड’ नाम की एक इंटरनेशनल रिपोर्ट पर आधारित है. अमेरिका के एक एनजीओ सेंटर फॉर एडवांस्ड डिफेंस स्टडीज (C4ADS) के पास यह डेटा लीक होकर सबसे पहले पहुंचा था. उन्होंने यह रिपोर्ट नॉर्वे के वित्तीय संस्थान ई24 (E24) और आर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) को दे दी, जहां से यह डॉन (Dawn) जैसे दुनिया के कई मीडिया संस्थान तक पहुंची है.
निवेश के अलावा भी कई अन्य कारणों से खरीदते हैं प्रॉपर्टी
OCCRP की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, लीक डेटा 2020 से 2022 तक का है. दुबई में ज्यादातर विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचने और पश्चिमी देशों में संपत्ति खरीदने पर लगी रोक के चलते प्रॉपर्टी खरीदते हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि संयुक्त अरब अमीरात की कई देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है. इसलिए यह भगोड़ों के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन बना हुआ है. इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग निवेश के अवसर के तौर पर भी दुबई को ही चुनते हैं. OCCRP ने अपनी रिपोर्ट में विदेशी मालिकों को तीन श्रेणी में बांटा है. इनमें आरोपी, प्रतिबंधित लोग और भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे लोग शामिल हैं. यही वजह है कि कई लोग छिपकर दुबई में प्रॉपर्टी खरीदते हैं.
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