चीन के वुहान में पिछले साल शुरू हुई कोरोना महामारी देखते हुए देखते पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. लाखों लोगों की इस महामारी के चलते मौत हो गई. इसके चलते पूरी दुनिया को लॉकडाउन करना पड़ गया. हालांकि, अब धीरे-धीरे दुनिया उस लॉकडाउन मोड से काफी आगे निकल चुकी है और अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे भी रफ्तार पकड़ रही है. लेकिन, इस कोरोना वायरस के चलते ना सिर्फ लोगों की जान गई बल्कि आर्थिक तौर पर भी इसने दुनिया को हिला दिया.


390 अरब डॉलर का हवाई सेवा में नुकसान


ऐसा अनुमान है कि कोरोना के चलते करीब 390 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) ने यह जानकारी दी है. यह संगठन दुनियाभर में हवाई सेवा का ना सिर्फ लेखा-जोखा रखती है बल्कि नीतियां तैयार करने में भी आईसीएफओ की अहम भूमिका होती है. इसने बताया कि कोरोना महामारी के चलते विमान यात्रियों की संख्या में करीब 51 फीसदी की भारी गिरावट हुई है.


कोरोना के चलते डगमगाया उड्डयन क्षेत्र


आईसीएओ के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2020 में टॉप 15 एयरपोर्ट से भरी जाने वाली उड़ानों में जहां करीब 3 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई थी वहीं यात्रियों की संख्‍या में भी लगभग इतनी ही तेजी देखने को मिली थी. लेकिन मई 2020 में जहां विमानों की उड़ानों में 15 फीसद से अधिक की कमी दर्ज की गई वहीं वहीं यात्रियों की संख्‍या में ये कमी करीब 49 फीसदी तक पहुंच गई थी. इसी तरह से अगस्‍त में विमानों की संख्‍या में 41 फीसद तो यात्रियों की संख्‍या में 57 फीसद तक की गई देखी गई थी.


हालांकि, इसके बाद कुछ देशों में विमान सेवा को कई एहतियातों के साथ खोला गया था, जिसके चलते न सिर्फ विमानों की उड़ान संख्‍या में तेजी आई बल्कि यात्रियों की संख्‍या भी कुछ बढ़ी. इसके बाद ये अपने पहले मुकाम को हासिल नहीं कर सकी और विमानों की संख्‍या में करीब 29 फीसद तो यात्रियों की संख्‍या में 41 फीसद तक की कमी दर्ज की गई थी.