जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र के श्रम संगठन ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण सिर्फ दूसरी तिमाही में ही 19.5 करोड़ पूर्णकालिक नौकरियां खत्म हो सकती हैं. इस महामारी और इसकी रोकथाम के लिये दुनिया भर में जारी ‘लॉकडाउन’ की वजह से फैक्ट्री, कल कारखाने और कई दूसरी इंडस्ट्री बुरी तरीके से प्रभावित हुए हैं.


अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) का अनुमान वायरस के असर के आकलन पर आधारित है. इससे पहले, आईएलओ ने 18 मार्च को भी दुनिया भर में नौकरियां जाने का एक अनुमान जताया था. उस अनुमान के मुकबले मौजूदा अनुमान कहीं बड़ा है.


आईएलओ के महानिदेशक गाई राइडर ने कहा, ‘‘ये आंकड़े पूरी तरह बताते हैं कि स्थिति कितनी भयवाह है. दुनिया भर के कामगार मौजूदा संकट से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं.’’ संगठन ने कहा कि पूर्ण या आंशिक रूप से ‘लॉकडाउन’ के कारण करीब 2.7 अरब कामगार प्रभावित हुए हैं. यह वैश्विक कार्यबल का करीब 81 फीसदी है.’’


इसमें से होटल और फूड सेक्टर, मैन्यूफैक्चरिंग और रिटेल सेक्टर में काम करने करने वाले करीब 1.25 अरब लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.


जहां तक भारत का सवाल है यहां भी लाखों लोगों के नौकरी जाने का खतरा पैदा हो गया है और लोग इस बात को लेकर परेशान हैं कि अर्थव्यवस्था की खराब हालत के चलते उनकी नौकरियों पर संकट पैदा हो गया है.