प्याज़ के ऊंचे दाम से फीकी पड़ी थाली, घर की खपत के हिसाब से खरीद में हुई कमी
प्याज़ हर खाने में स्वाद बढ़ा देता है लेकिन अब लोगों को घर के खाने की थाली से वह स्वाद कम मिल पा रहा है. पहले जो लोग एक-दो किलो प्याज़ लिया करते थे अब वे केवल आधा किलो ही प्याज़ खरीद पाते हैं.
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नई दिल्ली: पिछले एक महीने से प्याज़ के दाम आसमान छू रहें हैं. पूरे देश में ही प्याज़ के दामों में आग लगी हुई है. राजधानी दिल्ली में प्याज़ 80-100 रुपए किलो बिक रहा है और थोक में भी इसकी कीमत 60 रुपए किलो है. पिछले कई दिनों से प्याज की कीमत से लोगों को राहत नहीं मिल पाई है, ऐसे में बचत करने के लिए लोगों ने अब प्याज से ही कन्नी काटना शुरु कर दिया है.
प्याज़ हर खाने में स्वाद बढ़ा देता है लेकिन अब लोगों को घर के खाने की थाली से वह स्वाद कम मिल पा रहा है. पहले जो लोग एक-दो किलो प्याज़ लिया करते थे अब वे केवल आधा किलो ही प्याज़ खरीद पाते हैं. छोले या राजमा ज़्यादातर लोगों के घर खाने में बनता है लेकिन बचत करने के लिए लोग अब सादा खाना ही बना रहे हैं.
दिल्ली की लक्ष्मी नगर निवासी नीलम एक हाउस वाइफ हैं, उनके घर में सात लोग रहते हैं. सबको खाने का स्वाद आज कल फीका लग रहा है क्योंकि पहले जिस खाने के मसाले में प्याज़ पड़ता था अब बस वहां छौंका लगाने या मसाले में नाम भर का स्वाद डालने के लिए प्याज का इस्तेमाल किया जा रहा है.नीलम का कहना है कि पहले जहां वह दो-तीन किलो प्याज़ घर की रसोई के लिए लाती थीं, क्योंकि उनका परिवार भी बड़ा है. ऐसी में अब बचत के लिए बस आधा किलो प्याज़ ही खरीद पाती हैं. उनका कहना है कि सभी इस बात की शिकायत करते हैं कि खाने में स्वाद नहीं आ रहा है.
ये किसी एक घर की बात हो तो अलग बात है लेकिन यह हर दूसरे घर की रसोई की कहानी है जहां एक-एक प्याज़ सोच समझ कर ही खर्च किया जा रहा है. दिल्ली की रहने वाली मीनू माथुर भी प्याज़ की महंगाई की वजह सब्जियों की खरीदारी करने के दौरान छोटे प्याज़ को ही खरीद पाती हैं, क्योंकि ये प्याज़ बाज़ार में थोड़े कम दामों में बिक रहे हैं. साथ में उनका भी यही कहना था कि वह भी खाने में कम से कम प्याज़ का ही इस्तेमाल कर रही हैं.उपभोक्ता मंत्री राम विलास पासवान ने इसे मौसम की मार की वजह से पड़ा बोझ बताया है, मगर आम लोगों की ज़िन्दगी में प्याज़ के बढ़ते दामों से उनकी जेब का बोझ जरूर बढ़ाया है.
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