Investors Wealth Eroded: इस हफ्ते शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई. 5 दिनों के ट्रेडिंग सेशन में चार दिन बाजार में गिरावट देखी गई. जिसके चलते इस हफ्ते निवेशकों को 8.3 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. 10 दिसंबर को बीएसई का मार्कैट कैपिटलाईजेशन 267.68 लाख करोड़ रुपये था जो 17 दिसंबर को घटकर 259.4 लाख करोड़ रुपये रह गया है.
दो महीने में 15.32 लाख करोड़ का नुकसान
अक्टूबर महीने से ही विदेशी निवेशक लगातार बाजार में बिकवाली कर रहे हैं. बाजार में गिरावट की वजह से पिछले दो महीने में निवेशकों को 15.32 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.
पिछले हफ्ते के शानदार तेजी के बाद निवेशकों और खासतौर से विदेशी संस्थागत निवेशकों को बिकवाली करते देखा गया. आंकड़ों को देखें को इस हफ्ते सेंसेक्स में 1775 और निफ्टी में 526 अंकों की कुल गिरावट देखी गई. कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमीक्रॉन अपना पांव पसारता ही चला जा रहा है. खासतौर से यूरीपीय देशों में. डेनमार्क, साउथ अफ्रीका और यूके में ओमीक्रॉन के मरीजों की संख्य़ा दोगुनी हो चुकी है.
ब्याज दर बढ़ने के खतरे से बाजार में मायूसी
ट्रैवल पर तो बंदिशें लग ही चुकी है निवेशकों को फिर से लॉकडाउन जैसी सख्ती का अंदेशा सता रहा है. कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को दफ्तर बुलाने के प्लान को रद्द कर दिया है. भारत में भी ओमीक्रॉन मरीजों की संख्या 100 के ऊपर जा पहुंची है. ऐसे में आर्थिक विकास की गाड़ी जो पटरी पर लौट रही थी उसके फिर से पटरी से उतरने का डर सताने लगा है. IMF से लेकर कई रेटिंग एजेंसियां ग्रोथ के आंकड़े घटा रही है. यही वजह है कि निवेशक बिकवाली कर रहे हैं.
महंगाई बढ़ने से ब्याज दर बढ़ने का खतरा
बीते कई सालों से ब्याज दर बेहद कम था. लेकिन महंगाई के बढ़ने के चलते दुनिया के सभी सेंट्रल बैंक अपने पॉलिसी रेट्स बढ़ाने के संकेत दे रहे हैं. बैंक ऑफ इंग्लैंड ने तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी भी कर दी है. वहीं अमेरिका का फेडरल रिजर्व भी ब्याज दर बढ़ाने का संकेत दे चुका है. माना जा रहा है भारत में भी बढ़ती महंगाई के चलते आरबीआई को नए साल में ब्याज दर बढ़ाने का फैसला लेना पड़ सकता है.