केंद्र सरकार के आदेश के बाद ई-कॉमर्स कंपनियों ने अपने बैक-एंड-सिस्टम को अपडेट करना शुरू कर दिया है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग से खरीदारों को सभी नए उत्पाद के निर्माता देश की जानकारी का पता चलेगा.


ई-कॉमर्स कंपनियों ने शुरू किया लिस्टिंग का काम


वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत काम करने वाले आंतरिक व्यापार एवं उद्योग संवर्द्ध विभाग (DPIIT) ने बुधवार को ई-कॉमर्स अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग की. मीटिंग में इस बात पर जोर दिया गया कि जुलाई के अंत तक बदलाव को लागू कर दिया जाए. हालांकि ऑनलाइन की दिग्गज कंपनी अमेजन और फ्लिपकार्ट का कहना है कि उसे दो से तीन महीने लिस्टिंग करने में लग जाएंगे. मीटिंग से जुड़े लोगों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर इस बारे में बताया. उन्होंने कहा कि निर्माता देश की जानकारी से संबंधित लिस्टिंग का काम पहले नए उत्पादों पर किया जाएगा. क्योंकि पहले से ही बिक्री के लिए तैयार सामान पर लिस्टिंग करना मुश्किल होगा.


उत्पाद पर देश के नाम की मिलेगी जानकारी


गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 सैनिकों की शहादत के बाद लोगों में चीनी उत्पाद के प्रति काफी गुस्सा देखा गया था. सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए सरकार ने चीनी मूल के 59 ऐपलीकेशन को प्रतिबंधित कर दिया था. साथ ही ई-कॉमर्स कंपनियों को आदेश दिया था कि अपने उत्पाद पर निर्माता देश की जानकारी देना सुनिश्चित करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आत्मनिर्भर भारत की वकालत की थी. हालांकि कंपनियों का कहना है कि 'मूल देश' की परिभाषा स्पष्ट नहीं होने की वजह से उन्हें दुश्वारी पेश आ रही है. उनका कहना है कि उनके कुछ उत्पाद भारत में एसेंबल किए जाते हैं मगर सामान के पार्ट या कच्चे सामान की खरीदारी दूसरे मुल्कों से की जाती है. सूत्रों के मुताबिक बुधवार को सरकार ने कहा कि आंतरिक तौर पर इस बारे में चर्चा की जाएगी.


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