E-Commerce Impact On Employment: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने ई-कॉमर्स कंपनियों (E-Commerce Firms) के कारोबार करने के तौर तरीकों को लेकर चिंता जताते हुए कहा, बड़ी और दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों (E-Commerce Firms) की जानबूझकर कीमतों को कम रखने की प्रवृति (Predatory Pricing) के चलते देश में रोजगार का संकट खड़ा हो सकता है. उन्होंने कहा, इसके चलते पारम्परिक रिटेल सेक्टर में लोगों को रोजगार गंवाना पड़ सकता है.

  


देश में ई-कॉमर्स के चलते रोजगार और उपभोक्ताओं के वेलफेयर पर पड़े असर को लेकर लॉन्च हुए रिपोर्ट से जुड़े इवेंट में पीयूष गोयल ने कहा, ई-कॉमर्स फर्मों की तेजी से हो रहे विस्तार को हमें उपलब्धि नहीं मानना चाहिए बल्कि ये हमारे लिए चिंता का कारण है. उन्होंने ई-कॉमर्स के चलते समाज में होने वाले संभावित सोशल डिसरप्शन को लेकर चिंता जाहिर की है. पीयूष गोयल ने सवाल करते हुए कहा, ई-कॉमर्स में तेज ग्रोथ के चलते क्या हम बड़े पैमाने पर सोशल डिसरप्शन को न्योता तो नहीं दे रहे हैं? उन्होंने कहा, ये हमारे लिए गर्व करने का विषय नहीं है क्योंकि आज से 10 वर्ष के बाद आधे से ज्यादा बाजार ई-कॉमर्स नेटवर्क का हिस्सा हो जाएगा जो हमारे लिए चिंता का विषय है.    


पीयूष गोयल ने कहा, देश में ई-कॉमर्स के रोल पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है. उन्होंने ई-कॉमर्स कंपनियों के प्राइसिंग स्ट्रैटजी पर सवाल खड़े करते हुए कहा, क्या प्रीडेटरी प्राइसिंग पॉलिसी देश के लिए उचित है? वाणिज्य मंत्री ने ये स्वीकार किया कि ई-कॉमर्स जरूरी है लेकिन इसके फायदे और कमियों पर विचार किए जाने की जरूरत है. 


वाणिज्य मंत्री ने कहा, ई-कॉमर्स कंपनियों का मार्केट शेयर सालाना 27 फीसदी के दर से बढ़ रहा है. इसके चलते देश भर में 10 करोड़ छोटे रिटेलर्स को संकट का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि तीन सालों में ई-कॉमर्स का मार्केट शेयर डबल हो चुका है. 2019 में 4.7 फीसदी ई-कॉमर्स का मार्केट शेयर था जो 2022 में बढ़कर 7.8 फीसदी हो चुका है. अमेजन के बिलियन डॉलर निवेश पर मनाये जाने वाले जश्न पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा, अमेजन के एक बिलियन डॉलर निवेश पर हम जश्न मना रहे हैं  लेकिन ये समझने की जरूरत है कि ये एक बिलियन डॉलर कोई बहुत बड़ी सेवा या भारतीय अर्थव्यवस्था की मदद करने के लिए नहीं आ रहा है. 


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