भारत की एक बड़ी आबादी असंगठित क्षेत्र में  काम करने वाले श्रमिकों की है.इस क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिक आर्थिक रूप से बेहद कमजोर होते हैं. कोरोना महामारी का असर इस वर्ग के लोगों पर सबसे पहले देखने को मिला. शहरों में फैक्ट्रियां बंद हो गई और लोगों को घरों की तरफ वापस जाना पड़ा. ऐसे में सरकार ने इस वर्ग के लोगों की आर्थिक मदद करने के लिए ई-श्रमिक कार्ड योजना की शुरुआत की. इस योजना के तहत मजदूरी करने वाले असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों को सरकार आर्थिक मदद देती है.


इस योजना के तहत देश भर के कुल 24 करोड़ से ज्यादा लोगों ने ई-श्रमिक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है. सरकार का लक्ष्य है देश के सभी कामगार इस योजना से खुद को जोड़े. लेकिन, कई बार ई-श्रमिक पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद लोगों का एप्लीकेशन रिजेक्ट हो जाता है.इसके कई कारण हो सकते हैं. अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है तो हम आपको ई-श्रमिक कार्ड रजिस्ट्रेशन से जुड़े नियम के बारे में बताते हैं. तो चलिए जानते हैं इस बारे में-


डॉक्यूमेंट्स में गलती होने के कारण ई-श्रमिक कार्ड हो सकता है रद्द
आपको बता दें कि ई-श्रमिक कार्ड का रजिस्ट्रेशन करते वक्त आपसे कई तरह की जानकारी मांगी जाती है. इसमें आधार कार्ड , राशन कार्ड, बैंक डिटेल्स जैसे अकाउंट नंबर, पासपोर्ट साइज फोटो आदि की जरूरत पड़ती है. अगर इन डॉक्यूमेंट्स में से किसी को अपलोड करने में गलती होती है तो आपके आवेदन को रद्द किया जा सकता है.


संगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का आवेदन हो सकता है कैंसिल
गौरतलब है कि इस पोर्टल पर केवल वही लोग आवेदन कर सकते हैं जो लोग असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं. किसी फैक्ट्री में काम करने वाला मजदूर, रेड़ी पटरी लगाने वाला व्यक्ति, किसी Construction site में काम करने वाला मजदूर आदि शामिल है. इन लोगों का पीएफ खाता नहीं होना चाहिए. इनकम टैक्स देने वाले व्यक्ति का फॉर्म रिजेक्ट हो जाएगा.


सरकारी पेंशनभोगी का फॉर्म हो जाएगा रिजेक्ट
ई श्रमिक कार्ड योजना का लाभ वह लोग नहीं ले सकते हैं जिन्हें पहले से सरकार द्वारा किसी पेंशन का लाभ मिलता है. इसके साथ ही किसी सरकार पद से रिटायर कर्मचारी को भी इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता है. अगर किसी व्यक्ति के पास पहले से एक ई-श्रमिक कार्ड है तो उसे दूसरे कार्ड का फायदा नहीं मिल सकता है.


ई-श्रम योजना से मिलता है यह लाभ-
-2 लाख तक का बीमा कवर की मिलती है सुविधा.
-किसी श्रमिक की मृत्यु होने पर उसके परिवार को 2 लाख की आर्थिक सहायता मिलती है.
-इसके साथ ही किसी हादसे में पूर्ण विकलांगता पर 2 लाख की मदद और आंशिक मदद पर 1 लाख रुपये की मदद मिलती है.
-हर महीने सरकार द्वारा आर्थिक मदद लाभार्थियों के खाते में ट्रांसफर किया जाता है.


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