E-Shram Portal Update: ई-श्रम पोर्टल पर अगर आपने भी रजिस्ट्रेशन (e-shram portal status) करा रखा है तो आपके लिए जरूरी खबर है. केंद्र सरकार (Central government) ने पोर्टल पर रजिस्टर्ड श्रमिकों की कमाई के बारे में जानकारी दी है. ई-श्रम पोर्टल के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड 27.69 करोड़ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों में से 94 फीसदी की हर महीने की कमाई 10,000 रुपये से भी कम है. पोर्टल पर रजिस्टर्ड 74 फीसदी श्रमिक अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से आते हैं.
नवंबर 2021 में कितने किसान थे 10,000 से कम कमाई वाले
आपको बता दें नवंबर, 2021 में मासिक 10,000 रुपये से कम की कमाई वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों की संख्या 92.37 फीसदी थी. उस समय पोर्टल पर करीब आठ करोड़ से कुछ ज्यादा श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन करा रखा था. उस समय पोर्टल पर पंजीकृत एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के श्रमिकों की संख्या 72.58 फीसदी थी.
करीब 38 करोड़ हैं असंगठित क्षेत्र के श्रमिक
एक्सपर्ट का मानना है कि ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन बढ़ने के साथ पता चलता है कि समाज में काफी असमानता है. इस पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों के पंजीकरण का लक्ष्य है. असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या करीब 38 करोड़ है.
26 अगस्त 2021 को शुरु हुआ था पोर्टल
ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य देश में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का एक व्यापक डेटाबेस (NDUW) तैयार करना है. इस पोर्टल को 26 अगस्त, 2021 को शुरू किया गया था. सरकार का इरादा इस पोर्टल के जरिये देश के असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों को कल्याण योजनाओं का लाभ प्रदान करना है.
इस साल पूरा हो जाएगा रजिस्ट्रेशन
एक्सपर्ट का कहना है कि असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन चालू कैलेंडर साल में पूरा हो जाएगा. इससे राजनीतिक नेतृत्व को समाज के वंचित तबके के लिए एक प्रमाण आधारित नीति बनाने में मदद मिलेगी. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, ई-श्रम पोर्टल पर कुल 27.69 करोड़ असंगठित क्षेत्र के श्रमिक पंजीकृत हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिक काफी गरीबी में जीवनयापन कर रहे हैं और इनमें से ज्यादातर समाज के पिछड़े समुदाय से आते हैं.
किस वर्ग के हैं कितने सदस्य?
आंकड़ों से पता चलता है कि पोर्टल पर रजिस्टर्ड 94.11 फीसदी असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मासिक कमाई 10,000 रुपये से भी कम है. वहीं, 4.36 फीसदी की कमाई 10,001 से 15,000 रुपये के बीच है. पोर्टल पर रजिस्टर्ड 74.44 फीसदी श्रमिक समाज के पिछड़े वर्ग से आते हैं. इनमें से 45.32 फीसदी ओबीसी, 20.95 फीसदी एससी और 8.17 फीसदी एसटी वर्ग के हैं. सामान्य श्रेणी के श्रमिकों की संख्या 25.56 फीसदी है.
किस आयु के कितने हैं श्रमिक?
उम्र के लिहाज से देखा जाए तो 61.72 फीसदी श्रमिकों की आयु 18 से 40 साल और 22.12 फीसदी की 40 से 50 साल के बीच है. पोर्टल पर पंजीकृत 13.23 फीसदी श्रमिकों की आयु 50 साल से अधिक है. वहीं, 2.93 फीसदी की आयु 16 से 18 साल के बीच है. पोर्टल पर रजिस्टर्ड 52.81 फीसदी श्रमिक महिलाएं और 47.19 फीसदी पुरुष हैं.
किस राज्य के हैं कितने सदस्य?
आपको बता दें रजिस्ट्रेशन के मामले में टॉप पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और ओडिशा हैं. पंजीकृत श्रमिकों में सबसे अधिक 52.11 फीसदी का मुख्य पेशा खेती है. वहीं 9.93 फीसदी घरों में काम करते हैं जबकि 9.13 फीसदी निर्माण क्षेत्र में मजदूरी करते हैं.
यह भी पढ़ें:
Mango Rates: आम खाने के लिए जेब ज्यादा ढीली करनी होगी, जानें देश के अलग-अलग राज्यों में आम के ताजा रेट्स