ECLGS Scheme for Aviation Sector: कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) का असर कम होने के बाद भी एविएशन सेक्टर पर इसका प्रभाव अब भी दिख रहा है. कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के कारण देश के कई सेक्टर को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. इसमें एविएशन सेक्टर (Aviation Sector) प्रमुख रूप से प्रभावित हुआ था, लेकिन पिछले एक साल में इस सेक्टर ने रिकवरी दिखाई है. यात्रियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है मगर अभी भी यहां नकदी संकट देखी जा रही है. एविएशन सेक्टर को संकट से उबारने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) भी लगाता बड़े कदम उठा रही हैं.
ऐसे में एक कदम है इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (Emergency Credit Line Guarantee Scheme). अब सरकार ने ECLGS स्कीम में बड़े बदलाव किए हैं. इस योजना के तहत अब सरकार ने इसकी क्रेडिट लाइन को 400 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1500 करोड़ रुपये कर दिया है.
वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी
वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) ने इस मामले पर एक बयान जारी करके जानकारी दी है कि देश की ग्रोथ में एविएशन सेक्टर का एक बहुत महत्वपूर्ण रोल है. ऐसे में एयरलाइंस कंपनियों को कर्ज से उबारने के लिए और नकदी संकट को दूर करने के लिए सरकार ने ECLGS स्कीम में एलिजिबिलिटी राशि को बढ़ाने का फैसला किया है. इसे ECLGS 3.0 कहा जा रहा है. ECLGS 3.0 के अनुसार एयरलाइंस कंपनी (Airlines Company) की एलिजिबिलिटी अब उनकी फंड आधारित या नॉन फंड आधारित क्रेडिट का 100% या 1,500 करोड़ रुपये , जो दोनों में से कम है उसके आधार पर तय होगी.
नकदी की कमी को दूर करने में मिलेगी मदद
वित्त मंत्रालय ने यह कहा कि सरकार की इस फैसले के बाद से एयरलाइंस कंपनियों को नकदी संकट से निपटने में मदद मिलेगी. इससे एविएशन सेक्टर में पैसे के प्रवाह को दोबारा शुरू किया जा सकेगा. इसके साथ ही सरकार ने यह भी जानकारी दी है कि ECLGS 3.0 में भी मानदंड, नियम और शर्तें पहले की तरह की लागू रहेंगी, इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा. गौरतलब है कि इससे पहले मार्च 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट 2022-23 में यह ऐलान किया था कि ECLGS की समय सीमा को मार्च 2022 से बढ़ाकर मार्च 2023 कर दिया गया है.
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