आर्थिक सर्वे में विकिपीडिया से भी लिए गए आंकड़े, कांग्रेस पार्टी ने साधा निशाना
संसद में शुक्रवार को 2019-20 का आर्थिक सर्वे पेश किया गया. लेकिन अब इसमें जो आंकड़े डाले गए हैं उस पर सवाल उठाया जा रहा है. कांग्रेस पार्टी ने इसे लेकर मोदी सरकार पर तंज कसा है.
नई दिल्लीः संसद में शुक्रवार को 2019-20 का आर्थिक सर्वे पेश किया गया. लेकिन इस पर एक नया विवाद शुरू हो गया है. खबरों के मुताबिक आर्थिक सर्वे में कुछ आंकड़े विकिपीडिया से लिए गए हैं. इस पर कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर करारा हमला बोला है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने गौरव वल्लभ ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब ज्ञान और डिग्री व्हाट्सएप से ली जाती है तो देश की नीतियां विकिपीडिया से आधार पर ही बनेंगी.
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और फाइनेंस के प्रोफेसर गौरव वल्लभ ने कहा, ''वाह जी वाह,आर्थिक सर्वेक्षण जिसके आधार पर सरकार अपनी नीतियां बनाती है, उसका आधार विकिपीडिया है. विकिपीडिया एक ऑनलाइन इनसाइक्लोपीडिया है जिसको ग़ैर पेशेवर लोगों द्वारा लिखा व बदला जाता है. जब ज्ञान व डिग्री व्हाट्सएप से ली जाती हो तो देश की नीतियां विकिपीडिया के आधार पर ही बनेंगी.''
आर्थिक सर्वे में विकिपीडिया के अलावा ब्लूमबर्ग, भारतीय प्रबंधन संस्थान-बेंगलुरू, इक्रा, सीएमआईई, फोर्ब्स और बीएसई जैसे संस्थानों के भी आंकड़े लिए गए हैं. विकिपीडिया से आंकड़े लिए जाने पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि यह एक मुफ्त ऑनलाइन सूचना कोश (इनसाइक्लोपीडिया) है. इसे कोई भी एडिट कर सकते हैं और नई जानकारी डाल सकते हैं. विकिपीडिया का परिचालन विकिमीडिया फाउंडेशन करता है. इसे विश्वसनीय सोर्स नहीं माना जाता है.
वाह जी वाह,आर्थिक सर्वेक्षण जिसके आधार पर सरकार अपनी नीतियाँ बनाती है, उसका आधार Wikipedia है। Wikipedia एक ऑनलाइन encyclopedia है जिसको ग़ैर पेशेवर लोगों द्वारा लिखा व बदला जाता है।जब ज्ञान व degree Whatsapp से ली जाती हो तो देश की नीतियाँ Wikipedia के आधार पर ही बनेंगी। pic.twitter.com/cUDOJM1fMo
— Prof. Gourav Vallabh (@GouravVallabh) January 31, 2020
बता दें कि आर्थिक सर्वे वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार और उनकी टीम तैयार करती है और वित्तमंत्री द्वारा इसे सदन में पेश किया जाता है. इस बार के आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि पिछले 13 साल में खाने की थाली आमदनी के मुकाबले किफायती हुई है. वेज थाली 29 फीसदी और नॉन वेज थाली 18 फीसदी किफायती हुई है. ये भी खुलासा हुआ कि देश में रेस्तरां खोलने के लिए बंदूक का लाइसेंस लेने के मुकाबले ज्यादा दस्तावेज देने की जरूरत होती है. रेस्तरां के लिए 45, जबकि बंदूक के लाइसेंस के लिए महज 19 दस्तावेज चाहिए होते हैं.
आर्थिक सर्वेक्षण में सबसे पहले जोर 'वेल्थ क्रिएशन' पर दिया गया है. हिंदी में आप इसे 'पूंजी' को बढ़ाना कह सकते हैं. मुख्य आर्थिक सलाहकार के. वी. सुब्रमण्यन ने कहा कि इस साल के इकनॉमिक सर्वे की थीम वेल्थ क्रिएशन है. इसमें कहा गया है कि 1991 के उदारीकरण के बाद, भारतीय अर्थव्यवस्था 11 गुना बड़ी हुई और इस आर्थिक सर्वेक्षण में भी वेल्थ क्रिएशन पर जोर देते हुए चाणक्य की अर्थनीति का हवाला दिया गया जिसमें लिखा गया है कि 'पूंजी अर्जित करने का मूल आधार है आर्थिक गतिविधि और इसकी कमी से भौतिक संकट आता है. इसके न होने से वर्तमान प्रगति और भविष्य की तरक्की संकट में पड़ जाते हैं.
आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में सरकार का फोकस मुख्य तौर पर पांच विषयों पर हैं-
- पहला पूंजी यानी ज्यादा से ज्यादा पूंजी बढ़ाना
- दूसरा, मेक इन इंडिया के साथ असेंबल इन इंडिया
- तीसरा है, नौजवानों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार
- चौथा है वर्कफोर्स की सेहत
- सेहत का ध्यान रखने के लिए थालीनॉमिक्स
इसके साथ ही आर्थिक सर्वे में 2025 तक देश में अच्छी सैलरी वाली 4 करोड़ और 2030 तक 8 करोड़ नौकरी देने का अनुमान लगाया गया है. इसे 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी की तरफ बढ़ता कदम बताया गया है.
यह भी पढ़ें-
कोरोना वायरस: 324 भारतीयों को लेकर एयर इंडिया का स्पेशल विमान चीन से रवाना
पंजाब पुलिस ने 2 हजार करोड़ रुपये मूल्य की 200 किलो हेरोइन जब्त की, एक विदेशी सहित 6 गिरफ्तार