सरकार ने आर्थिक सर्वे में टैक्स के मोर्चे पर लोगों को राहत देने के संकेत दिए हैं. सर्वे में कहा गया है कि तेज ग्रोथ के लिए सरकार को राजकोषीय घाटा बढ़ने की चिंता नहीं करनी चाहिए. सरकार को ऐसे कदम उठाने की जरूरत है , जिससे लोग खर्च कर सकें और मांग बढ़े. लोगों की जेब में ज्यादा पैसे बचेंगे तो वे खर्च करेंगे. इससे संकेत मिल रहे हैं कि सरकार टैक्स के मोर्चे पर भी कुछ राहत दे सकती है जिससे लोगों के पास ज्यादा पैसा बचे और यह खर्च के तौर पर बाजार में आए. इससे इकोनॉमी में खपत और खर्च बढ़ेगा.
सक्रिय राजकोषीय नीति अपनाएगी सरकार
सर्वे में कहा गया है कि ग्रोथ को रफ्तार देने के लिए ज्यादा सक्रिय राजकोषीय नीति की जरूरत है. साथ ही टैक्स में भी छूट देनी चाहिए ताकि आम लोगों के पास ज्यादा पैसा बचे और यह खर्च के तौर पर बाजार में आए. यह इकोनॉमी को रफ्तार देगी. सरकार ने कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टरों को भी टैक्स राहत देने के संकेत दिए हैं. सर्वे में कहा गया है कि कोविड-19 ने सबसे ज्यादा मैन्यूफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर को प्रभावित किया.
इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों को भी टैक्स राहत के संकेत
विश्लेषकों का मानना है सरकार ने कोविड-19 के दौरान पिछले कुछ महीनों में इकोनॉमी को मजबूती देने के लिए कई कदम उठाए. इनमें एमएसएमई के लिए कर्ज आासान बनाने से लेकर कॉरपोरेट कंपनियों को टैक्स छूट देने और सरकारी कर्मचारियों के एडवांस देने जैसे कदम शामिल हैं. सरकार का पूरा फोकस बाजार में मांग पैदा करने पर है. इसलिए वह राहत के तौर पर लोगों के इनकम टैक्स को स्लैब को बढ़ा सकती या फिर टैक्स में छूट दे सकती है. साथ ही वह इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश करने वाली कंपनियों को भी बड़ी टैक्स राहत दे सकती है. इससे रोजगार बढ़ेगा.
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