Economic Survey: आर्थिक सर्वे के मुताबिक घरों के लेन-देन में आई तेजी, ये भी बताया कहां मिल रहा सस्ता घर!
Budget 2022: लंबे समय से मंदी से जूझ रहे रियल सेक्टर के अच्छी खबर है. आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि सरकार द्वारा सर्कल रेट्स स्टैंप ड्यूटी में कमी और सस्ते ब्याज दरों के चलते घरों की मांग बढ़ी है.
Economic Survey: अगर आप घर खऱीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो संसद के लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया आर्थिक सर्वे का रिपोर्ट आपको बता देगा आपको कहां घर खरीदना चाहिए और किन शहरों में कहां आपको सस्ता घर मिलेगा.
कहां मिल रहा सस्ता घर
आर्थिक सर्वे के मुताबिक दिल्ली, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र के अलावा विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा सर्कल दरों और स्टाम्प शुल्क में कमी की गई है. जिसका इन शहरों में घर खरीदने पर सकारात्मक असर देखा गया है. इन राज्यों में घरों की मांग में तेजी आई है. COVID-19 प्रतिबंधों के बीच नए मकानों का निर्माण धीमा हुआ, नई आवास परियोजनाओं के शुभारंभ में भी देरी हुई. आय के नुकसान के साथ, भविष्य की आय के बारे में अनिश्चितता के चलते लोगों ने घर खरीदने के अपने इरादे को टाल दिया, COVID-19 के शुरुआती प्रतिबंधों को हटा दिए जाने के बाद, प्रॉपर्टी के लेनदेन में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई. महामारी के दौरान सरकार द्वारा घरों की मांग बढ़ाने के लिए कई उपाय किए गए जिसका असर देखा गया. जैसे कम ब्याज दरों, सर्कल दरों में कमी और स्टांप शुल्क में कटौती ने घरों को अफोर्डेबल बना दिया. कई बैंकों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने होमलोन के ब्याज दरों में कटौती कर दी. जिससे घरों की मांग बढ़ गई.
प्रॉपर्टी बाजार में सुधार
सर्वे में कहा गया है कि कोरोना महामारी की पहली लहर में लगभग सभी शहरों में आवास लेनदेन में गिरावट आई. जिसका असर प्रॉपर्टी बाजार पर देखने को मिला. लेकिन कोरोना महामारी के दूसरी लहर के दौरान मुंबई, ठाणे, पुणे, नोएडा, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे कई शहरों में आवास लेनदेन पूर्व-महामारी के स्तर के लेवल पर चला गया. गांधीनगर, अहमदाबाद, चेन्नई, रांची, दिल्ली और कोलकाता जैसे शहरों में पूर्व-महामारी के स्तर पर दूसरी COVID-19 लहर के दौरान आवास लेनदेन में गिरावट आ थी. हालांकि, यह गिरावट पहली COVID-19 लहर के दौरान हुई गिरावट से काफी कम रही है.
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