Economic Survey: आर्थिक सर्वे में देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कई पॉजिटिव बातें कही गई हैं लेकिन इनमें काफी बड़ा फोकस वैक्सीनेशन ड्राइव और कोरोना से निपटने के प्रयासों पर भी दिखाया गया है. अर्थव्यवस्था के मानकों के ऊपर देखें तो सभी इंडीकेट कर रहे हैं कि भारत की इकोनॉमी ग्लोबल चुनौतियों से निपटने में सक्षम है.
वैक्सीनेशन ड्राइव
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन ड्राइव के लिए सरकार ने वृहद पैमाने पर खर्च किया है लेकिन इसके जरिए ही देश में कोरोना से निपटने में मदद मिली है.
कोरोना से निपटने के लिए बड़े मैराथन प्रयास किए जा रहे हैं और इनका असर भी दिख रहा है.
सप्लाई साइड में सुधार देखा जा रहा है
सप्लाई साइड में सुधार के चलते चलते भारतीय अर्थव्यवस्था को सहारा मिल रहा है. रेगुलर कैपिटल एक्सपेंडीचर भी बढ़ाने में मदद मिल रही है और देश का वित्तीय घाटा भी काबू में करने की कोशिशों का असर दिख रहा है.
विनिवेश का लक्ष्य पूरा करने के लिए कोशिशों की जरूरत
सरकार ने आर्थिक सर्वे के जरिए ये दिखाने की कोशिश की है वो विनिवेश के अपने तय लक्ष्य के रास्ते पर अग्रसर है लेकिन इसमें कुछ देरी देखी जा रही है.
कृषि के लिए उत्पादन पैटर्न बदलने की जरूरत
देश के कृषकों को चावल और गेहूं की पारंपरिक खेती करने की बजाय दलहन और तिलहन की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा. इससे देश दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर होने की तरफ बढ़ेगा और आयात निर्भरता को कम करने में कामयाब हो पाएगा.
सरकार का अंदेशा
आर्थिक सर्वे में सरकार ने ये साफ किया है कि सभी आर्थिक लक्ष्य उसी सूरत में पूरे हो पाएंगे जब कोरोना के कारण कोई बड़ी आपदा न आ जाए और देश का मानसून भी सामान्य रहेगा. हालांकि इन दो कारणों में से एक भी पूरा नहीं हो पाता है तो सरकार के सामने कड़ी चुनौतियां भी होंगी.
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