Economic Survey: हर साल बजट सत्र (Budget Session) में पेश होने वाला आर्थिक सर्वे (Economic Survey) वैसे तो काफी अहम होता है क्योंकि इसमें देश की आर्थिक तरक्की के लिए किए गए प्रयासों का क्या नतीजा निकला है, इसका लेखा-जोखा होता है. हालांकि इस बार ये आर्थिक सर्वे कुछ खास है, आपको जानना चाहिए कि ये क्यों अलग है इस बार.
इस बार एक ही वॉल्यूम में पेश होगा सर्वे
इकोनॉमिक सर्वे हर साल बजट से पहले दो वॉल्यूम में पेश किया जाता है. आर्थिक सर्वे को मुख्य आर्थिक सलाहकार की टीम तैयार करती है. हालांकि ये पद खाली था इस वजह से इस बार आर्थिक सर्वेक्षण केवल एक वॉल्यूम में पेश किया जाएगा. इस साल वित्त मंत्रालय के प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर ने आर्थिक सर्वे तैयार किया है. एक वॉल्यूम में होने का मतलब है कि इसमें सिर्फ चालू वित्त वर्ष के विभिन्न सेक्टर के डेटा ही होंगे. भारत की अर्थव्यवस्था की तरक्की में आने वाली अड़चनों से कैसे निपटा जाएगा, इसका पूरा लेखाजोखा शायद इस बार आर्थिक सर्वे में पेश नहीं किया जाएगा. आम तौर पर इकोनॉमिक सर्वे में इनका पूरा विवरण होता है कि कौन-कौनसी अड़चनें आएंगी और इससे निपटने का रोडमैप क्या है.
आज नए आर्थिक सलाहकार करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस
आज दोपहर 3.45 बजे नए सीईए अनंत नागेश्वरन प्रेस कॉन्फेंस करेंगे जिसमें आर्थिक सर्वे के मुख्य पहलुओं के बारे में जानकारी देंगे. सरकार ने आर्थिक सर्वे के संसद में पेश होने के तीन दिन पहले वी अनंत नागेश्वरन को नए मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया है.
इस बार मुख्य आर्थिक सलाहकार की गैरमौजूदगी में तैयार हुआ आर्थिक सर्वे
देश का आर्थिक सर्वे इस बार मुख्य आर्थिक सलाहकार की गैरमौजूदगी में तैयार हुआ है. पूर्व सीईए केवी सुब्रमण्यन का कार्यकाल 6 दिसंबर 2021 को पूरा हो गया था और वो इसके बाद सीईए का पद खाली छोड़ गए. सरकार की ओर से ना तो किसी को मुख्य आर्थिक सलाकार नियुक्त किया गया और ना ही इसके कोई संकेत दिए गए कि कौन इस पद पर काबिज होगा.
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