नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी की वजह से बुरी तरह प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था अब सुधार की राह पर है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी. डेलॉयट की रिपोर्ट ‘वॉयस ऑफ एशिया’ में कहा गया है कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार दिख रहा है. पीएमआई विनिर्माण सूचकांक 2008 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर है.


अप्रैल-जून तिमाही में आई थी 23.9 प्रतिशत की गिरावट


कोरोना वायरस की मार से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून तिमाही में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई थी. वहीं जुलाई-सितंबर की दूसरी तिमाही में एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले सकल घरेलू उत्पाद 7.5 प्रतिशत कम रहा.


रिपोर्ट में कहा गया है कि कारों की मजबूत बिक्री, तैयार इस्पात के उत्पादन में बढ़ोतरी और डीजल की खपत बढ़ने के साथ माल और सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में वृद्धि से पता चलता है कि ‘अनलॉक’ के बाद अर्थव्यवस्था की स्थिति काफी तेजी से सुधर रही है. दबी मांग और त्योहारी समय की मांग ने भी अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधारने में मदद की है.


अगले वित्त वर्ष में दो अंक की वृद्धि दर्ज करेगी भारतीय अर्थव्यवस्था


रिपोर्ट में इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले ऊंचे स्तर पर बने रहते हैं, तो इस वृद्धि को कायम रखना अगले साल के दौरान चुनौतीपूर्ण होगा. रिपोर्ट कहती है, ‘‘हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में गिरावट के बाद अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था दो अंक की वृद्धि दर्ज करेगी.’’


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