देश में कोविड-19 के मामले बढ़ने के साथ ही शेयर बाजार का प्रदर्शन एक बार फिर खराब होता दिख रहा है. सोमवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में निफ्टी 11,000 के स्तर से नीचे रहा. सेंसेक्स में 1.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और निफ्टी 1.6 फीसदी गिर गया. सबसे ज्यादा गिरावट बैकिंग सेक्टरों के शेयरों में दर्ज की गई.


बैंकिंग शेयरों पर सबसे ज्यादा असर 


पिछले चार कारोबारी सत्रों में दोनों सूचकांक 4 फीसदी गिर चुके हैं. वोलेटिलिटी इंडेक्स में 3.9 से लेकर 25.13 तक की बढ़ोतरी हुई है. इससे निवेशकों ने मार्केट से दूरी बढ़ा ली है. उन्हें आशंका है कि अगले कुछ महीनों में मार्केट की स्थिति और खराब हो सकती है. टियर-2 और टियर-3 शहरों में कोविड-19 के मामले बढ़ते जाने की वजह से आर्थिक गतिविधियां रफ्तार नहीं पकड़ पा रही हैं. इस वजह से कंपनियों के रेवेन्यू और मुनाफे दोनों पर असर पड़ा है. इसका सीधा असर इनके शेयरों में दिख रहा है. इस बीच सबसे ज्यादा गिरावट बैंकिंग शेयरों में दिखा है. कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में 4.41 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं इंडसइंड बैंक  के शेयर 3.9 फीसदी गिरे हैं. एक्सिस बैंक के शेयरों में -3.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की है.


मोरेटोरियम अवधि बढ़ाने से बैंकों को नुकसान 


सोमवार को निफ्टी बैंक सूचकांक 2.3 फीसदी गिर गया. दरअसल बैंक कर्ज पर मोरेटेरियम की अवधि 31 अगस्त से आगे बढ़ा देने की वजह से बैंकिंग शेयरों का झटका लगा है. कई रिटेल बैंक के फंसे कर्ज में बढ़ोतरी की आशंका है. दरअसल आर्थिक संकट की वजह से रोजगार में काफी कमी आई है. इससे बैंक के फंसे कर्ज में बढ़ोतरी हुई है. लेकिन मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाए जाने की वजह से बैंकों की स्थिति इस मामले में और खराब होने की आशंका है. कोविड-19 के मामले बढ़ने की वजह से निवेशकों का बाजार और अर्थव्यवस्था में विश्वास कमजोर होता जा रहा है.