Axis Mutual Fund: देश के सातवें सबसे बड़े फंड हाउस, एक्सिस म्यूचुअल फंड (Axis Mutual Fund) ने अपने दो फंड मैनेजरों को सस्पेंड कर दिया है, जिसमें से एक उनका मुख्यडीलर था. कंपनी अब दोनों फंड मैनेजरों की देखरेख वाले फंड्स में अनियमितताओं की जांच कर रही है.
दोनों फंड मैनेजरों ने किस तरह की अनिमयमितता की है, इसके बारे में सटीक जानकारी जांच पूरी होने के बाद ही पता चल पाएगी. हालांकि सूत्रों का दावा है कि दोनों फंड मैनेजर्स फ्रंट-रनिंग (Front-Running) करते थे.
आइए समझते हैं कि ये फ्रंट-रनिंगक्या होता है और यह इनसाइडर ट्रेडिंग से कैसे अलग है?
फ्रंट रनिंग और इनसाइडर ट्रेनिंग दोनों ही मामलों में अपराधियों का मकसद कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग करके शेयर बाजार में पैसा बनाना है. हालांकि यहां फ्रंट-रनिंग, इनसाइडर ट्रेनिंग से थोड़ा अलग मामला होता है. इसमें, किसी फाइनेंशिनेंयल इंस्टीट्यूशन या म्यूचुअल फंड्स या किसी बड़े शेयर ब्रोकर के यहां काम करने वाला डीलर या मनी मैनेजर्स अपने संस्थान की तरफ से दिन में खरीदे जाने वाले ऑर्डर की जानकारी फा फायदा उठाकर उससे मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं.
क्या है इनसाइडर ट्रेडिंग?
वहीं इनसाइडर ट्रेनिंग तब होती है, जब किसी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी को कुछ ऐसी जानकारी पता चल जाएं, जिससे फर्म के शेयरों पर असर पड़ सकता है और और वह उसका फायदा उठाकर शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर मुनाफा कमाने की कोशिश करे.
कैसे बनता है पैसा?
शेयर बाजार का बिल्कुल सीधा गणित है कि अगर किसी कंपनी के शेयरों की भारी मात्रा में ऊंचे दाम पर खरीदारी होती है, तो इससे उसके शेयरों की कीमत बढ़ जाती है. साथ ही अगर किसी कंपनी के शेयरों में भारी बिकवाली हो रही होती है, तो उसकी कीमत घट जाती है.
म्यूचुअल फंड के डीलर इसी जानकारी का फायदा उठाते हैं. म्यूचुअल फंड्स आमतौर पर बड़ी मात्रा में खरीदारी या बिकवाली करते हैं. यह खरीदारी या बिकवाली कब होने वाली है, डीलर को इसकी पूरी तरह से जानकारी रहती है.
म्यूचुअल फंड्स जिन शेयरों को खरीदने वाले होते हैं, उसे डीलर ठीक कुछ मिनट पहले ही खरीद लेते हैं. बाद में म्यूचुअल फंड्स के बड़ी मात्रा में खरीदारी से उस शेयर का दाम कुछ मिनटों में उपर चढ़ जाता है और इससे उन्हें फायदा उठा लेते हैं.
ठीक इसी तरह वह म्यचूअल फंड्स की तरफ से किसी शेयर में बिकवाली करने से कुछ मिनट पहले उसके शेयर बेचकर फायदा कमाते हैं.
सेबी के नियम-कानून
अभी तक सेबी ने ऐसे मामले पाए जाने पर हमेशा आर्थिक जुर्माना लगाया है. आमतौर पर जो डीलर, ब्रोकर और फंड मैनेजर्स इसमें शामिल होते हैं, उन पर जुर्माना लगता है.
हालांकि एक मामले में सेबी फंड हाउस के सीईओ पर भी जुर्माना लगा चुका है. मामले की गंभीरता को देखते हुए सेबी को फंड हाउस के ट्रस्टियों और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को फटकार लगाने के लिए भी जाना जाता है.
एक्सिस ने लिया ये ऐक्शन
जानकारी के मुताबिक एक्सिस म्युचुअल फंड ने अपने दो फंड मैनेजर्स- विरेश जोशी और दीपक अग्रवाल को सस्पेंड कर दिया है. वहीं अपनी 7 स्कीम के फंड मैनेजर्स को बदल दिया है. ऐसी जानकारी भी मिली है कि अब इस मामले की जांच सेबी कर रही है.
ये भी पढ़ें
Rakesh Jhunjhunwala के इस शेयर में हो सकती है 45 फीसदी तक की कमाई
Platform Ticket: रेलवे का झटका, इन स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट को किया पांच गुना तक महंगा