कर्मचारी राज्य बीमा निगम यानी ESIC के लाभार्थी अब जल्द ही आयुष्मान भारत योजना के तहत पैनल में शामिल अस्पतालों में इलाज की सुविधा हासिल कर सकेंगे. ESIC के तहत कवर होने वाले कर्मचारी अब इन अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे. 102 जिलों में जल्द ही इस कनवर्जेंस सुविधा को शुरू किया जाएगा. इससे 15 ESIC अस्पतालों और 12 हजार ESIC लाभार्थियों को फायदा मिलेगा.


इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक पहले यह योजना देश के 102 जिलों में शुरू होगी. बाद में इसमें पूरे देश को शामिल किया जाएगा. इस योजना का उद्देश्य बगैर नए अस्पताल बनाए दोनों स्कीम के जरिये अधिकतम लोगों तक इलाज की सुविधा पहुंचाना है. देश भर में ESIC के साढ़े तेरह करोड़ लाभार्थी हैं.जबकि आयुष्मान भारत योजना एक करोड़ लोगों को कवर करती है. हालांकि इसका उद्देश्य देश की 40 फीसदी आबादी को कवर करने का है. इस तरह इसके तहत 50 करोड़ लाभार्थियों को शामिल किया जाएगा.

दो जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू 

ESIC के तहत हेल्थ इंश्योरेंस का इंतजाम श्रम मंत्रालय करता है, जबकि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य मंत्रालय की योजना है. ESIC और आयुष्मान भारत की इलाज सुविधाओं की इंटरलिंकिंग की पायलट योजना महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में शुरू कर दी गई है. कर्नाटक के बीदर जिले में भी यह योजना शुरू हो चुकी है. जल्द ही 100 जिलों में यह योजना शुरू हो जाएगी.

इंटरलिंकिंग योजना से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक इससे दोनों स्कीम के फंड का इस्तेमाल हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने पर होगा. इससे अलग से अस्पताल खोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सरकार ने पिछले साल नवंबर में दोनों स्कीम के कनवर्जेंस का ऐलान किया था.आयुष्मान भारत स्कीम के तहत कोरोना का मुफ्त इलाज हो रहा है. इस स्कीम के तहत लाभार्थी साल में एक बार इलाज के लिए पांच लाख रुपये तक का क्लेम ले सकते हैं. इस योजना का लाभ लेने वालों को पहले अपना नाम रजिस्टर्ड कराना होता है. इसके बाद उन्हें ई-कार्ड मिलता है. इसके जरिये वे इस योजना का लाभ ले सकते हैं.