India GDP: देश की आर्थिक विकास दर (जीडीपी) को लेकर कई रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं जिसमें सकल घरेलू उत्पाद के लिए अलग-अलग अनुमान दिए जा रहे हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि क्षेत्र में 3.8 परसेंट की मजबूत वृद्धि दर्ज होने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 1.4 परसेंट थी. अब तक रबी की बुवाई पिछले साल की तुलना में अधिक रही है और यह कृषि विकास के लिए अच्छा संकेत है. डिजिटल पेमेंट, बिजली की मांग, सर्विस सेक्टर की गतिविधियों, हवाई यात्रियों की संख्या, बढ़ते टोल और जीएसटी कलेक्शन जैसे सकारात्मक सूचकांकों के साथ चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में देश की विकास दर बढ़ने की उम्मीद है.


जीएसटी कलेक्शन में इजाफे से भी खपत मांग में तेजी आने का संकेत


वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में जीएसटी कलेक्शन में भी 8.3 फीसदी का इजाफा हुआ जो उपभोग मांग में तेजी का संकेत है. रिपोर्ट के मुताबिक कृषि की बेहतर संभावनाओं से ग्रामीण मांग को बढ़ावा मिलेगा, जबकि शहरी मांग में भी सुधार के संकेत मिलते हैं. दिसंबर 2024 में मुद्रास्फीति में कमी आई और आने वाले महीनों में इसमें और कमी आने की उम्मीद है. हालांकि, रुपये की लगातार गिरावट एक प्रमुख जोखिम है.


कुछ हाई फ्रिक्वेंसी इंडेक्स ने डिजिटल पेमेंट, बिजली की मांग, इलेक्ट्रॉनिक आयात और फर्टिलाइजर बिक्री में बढ़ोतरी के साथ मांग में तेजी का संकेत दिया है. हालांकि रिपोर्ट में बताया गया है कि त्योहारों के बाद की इन्वेंट्री और सीमित नए लॉन्च के कारण यात्री वाहनों की कुल बिक्री कम रही. ग्रामीण मोर्चे पर कैश फ्लो के मुद्दों और ईवी बाजार की ओर रुख की वजह से टू-व्हीलर की बिक्री में भी भारी गिरावट देखी गई.


रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष रूप से पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, निजी खपत वृद्धि वित्त वर्ष 2023-24 के चार परसेंट के मुकाबले वित्त वर्ष 2024-25 में 7.3 परसेंट रहेगी, जिससे आने वाले महीनों में स्थिर वृद्धि की संभावना बढ़ गई है.


फिस्कल डेफिसिट 5.1 परसेंट पर स्थिर 


इसमें यह भी बताया गया है कि नवंबर 2024 तक (12 मनी मार्केट अकाउंट के आधार पर) केंद्र का राजकोषीय घाटा 5.1 परसेंट पर स्थिर था. मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर 2024 तक कुल व्यय में 3.3 परसेंट की वृद्धि हुई, जो अक्टूबर 2024 में भी उसी स्तर पर थी. राजस्व व्यय की वृद्धि अक्टूबर 2024 तक 8.7 परसेंट थी जो नवंबर 2024 तक के आंकड़े में घटकर 7.8 परसेंट रह गई. वहीं, इस दौरान पूंजीगत व्यय यानी कैपिटल एक्सपेंडीचर की गिरावट की दर कम हुई.


रिपोर्ट में आगे बताया गया कि आय के मामले में, नवंबर 2024 तक केंद्र की शुद्ध राजस्व वृद्धि भी 8.7 प्रतिशत पर स्थिर रही. डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में सुधार हुआ (11.1 परसेंट के मुकाबले 12.1 परसेंट), जबकि इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन की बढ़ोतरी की दर थोड़ी धीमी हुई (10.5 परसेंट के मुकाबले 9.2 परसेंट) जबकि नॉन-टैक्स कलेक्शन स्थिर रहा.


BoB की रिपोर्ट में अमेरिका से आने वाले संकेतों का भी जिक्र


रिपोर्ट में कहा गया है, "अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तहत अमेरिकी नीतियों पर अधिक स्पष्टता होने तक वैश्विक और घरेलू फाइनेंशियल सिस्टम में कुछ हद तक अनिश्चितता बनी रहने की संभावना है. 2025 में भारत की विकास संभावनाओं को लेकर आशावादी बने हुए हैं."


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