कारों की बिक्री ने रफ्तार पकड़ ली है. कारों की मासिक बिक्री कोविड-19 से पहले की बिक्री के बराबर पहुंच चुकी है. उत्पादन में बढ़ोतरी और मांग बढ़ने से छोटी कारों, सेडान और एसयूवी की बिक्री बढ़ी है. इंडस्ट्री के अनुमानों के मुताबिक इंडियन मार्केट में जुलाई के दौरान 1,97,523 कारें बिकीं. जबकि जुलाई 2019 में कारों की बिक्री 200,790 कारों की बिक्री हुई थी. इंडस्ट्री सूत्रों का कहना है कि आने वाले महीनों के दौरान बिक्री में और बढ़ोतरी हो सकती है. पिछले दो महीनों के दौरान कारों की अच्छी बिक्री का फायदा आगे भी मिल सकता है.


छोटे शहरों में कारोंं की मांग बढ़ी


देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी की मासिक बिक्री में सबसे ज्यादा 91 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है. पिछले साल की तुलना में इसकी बिक्री 1.3 फीसदी बढ़ कर 97,768 यूनिट्स तक पहुंच गई है. मई में इसकी सिर्फ 13,865 यूनिट्स ही बिक पाई थीं. मारुति ने पिछले साल जून में 1,11,014 यूनिट्स की बिक्री की थी.कारों की बिक्री में एक नई बात यह देखने को मिल रही है कि ज्यादातर डिमांड छोटे शहरों और कस्बों से आ रही है. बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्य प्रदेश,  हरियाणा और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में कारों की अच्छी मांग दिख रही है.


त्योहारी डिमांड से बढ़ सकती है बिक्री 


इन राज्यों में जून के दौरान बिक्री ऐसे समय में बढ़ी है जब पैसेंजर व्हेकिल्स की कुल मार्केट 25 फीसदी घट कर 1.7 लाख यूनिट्स पर आ गई. कोविड-19 की वजह से पहली बार कार खरीदने वालों और दूसरा या अतिरिक्त वाहन खरीदने वालों की संख्या बढ़ी है. महामारी में लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बजाय अपने वाहन का इस्तेमाल करना चाहते हैं. इंंडस्ट्री के सूत्रों  का  कहना है कि त्योहारी सीजन में वाहनों की बिक्री को थोड़ी रफ्तार मिल सकती है. लेकिन इसके लिए आर्थिक गतिविधियों का तेज  होना जरूरी है. लंबी ्अवधि में कारों की मांग अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन पर  निर्भर करेगा.