कोरोनावायरस संक्रमण से झटका खाई अर्थव्यवस्था में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स में जुलाई के दौरान रिकार्ड गिरावट आई है. आरबीआई के सर्वे के मुताबिक जुलाई में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स गिर कर 53.8 पर पहुंच गया. यही अब तक की सबसे ज्यादा गिरावट है. मई में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स 63.7 पर था.



आरबीआई के सर्वे में शामिल ज्यादातर उपभोक्ताओं ने कहा कि पिछले एक साल की तुलना में उनका खर्च बढ़ा है लेकिन उन्हें नहीं लगता है कि आने वाले वर्षों में उनका उनका गैर जरूरी खर्च बढ़ेगा.


महंगाई दर में इजाफे की आशंका


सर्वे के मुताबिक कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स में गिरावट आई है लेकिन फ्यूचर एक्सपेक्टेशन इंडेक्स यानी FEI सकारात्मक रहा है. यह बताता है आने वाले दिनों में इकनॉमिक रिकवरी के आसार मजबूत हैं.  आरबीआई की ओर से पेशेवरों के बीच कराए गए सर्वे के मुताबिक वास्तविक जीडीपी में 5.8 फीसदी की गिरावट आ सकती है. सर्वे में महंगाई दर में भी इजाफा होने की आशंका व्यक्त की गई है. जुलाई में इसमें 60 बेसिस प्वाइंट के इजाफे की आशंका व्यक्त की गई.


आरबीआई सर्वे में जीडीपी में 5.8 फीसदी गिरावट का अनुमान 


गुरुवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई ने पॉलिसी रेट में कोई कटौती नहीं की थी. आरबीआई ने महंगाई दर में बढ़ोतरी की आशंका को देखते हुए पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. सर्वे में यह भी कहा गया है कि वास्तविक प्राइवेट फाइनल कंज्मप्शन भी 2020-21 के दौरान छह फीसदी गिरेगा. हालांकि यह बढ़ कर आठ फीसदी तक जा सकता है. आरबीई के सर्वे में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान जीडीपी में 5.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा सकती है. हालांंकि इसके अगले  साल इसमें रिकवरी दिखेगी. आरबीआई के सर्वे के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान जीडीपी 7.4 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये का जो पैकेज दिया है, उसका असर अगले साल दिख सकता है.


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