कोरोना संकट की वजह भारी मुश्किल में फंसे एसएमएसई सेक्टर के लिए अलग से तीन लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने के बावजूद इसकी हालत खराब है. इस सेक्टर में बड़ी तेजी से बेरोजगारी बढ़ी है. इसके अलावा कई और सेक्टरों की स्थिति बेहद खराब है. एमएसएमई मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने संसद की एक स्थायी कमेटी के सामने इस सेक्टर की ताजा स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पूरे देश में कोविड-19 की वजह से दस करोड़ नौकरियों पर खतरा है.
ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर बुरी तरह प्रभावित
प्रजेंटेशन में कहा गया कि ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर कोविड-19 संक्रमए से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और इसने लाखों लोगों और परिवारों पर असर डाला है. अधिकारियों की ओर से पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि कैंसल टूर पर लगे जीएसटी को वापस लौटाने, पेमेंट जमा करने में छूट देने और इंश्योरेंस का प्रीमियम एक साल तक ले जाने जैसे कदम उठा कर टूर एंड ट्रैवल सेक्टर को राहत दी जा सकती है.
एमएसएमई सेक्टर में बेहतरी के आसार नहीं
इससे इस सेक्टर में रोजगार बढ़ने में मदद मिलेगी. रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोनावायरस संक्रमण ने औद्योगिक इलाकों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. कोरोनावायरस के 50 फीसदी मामले उन इलाकों में हैं, जहां 72 फीसदी तक औद्योगिक उत्पादन होता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था काफी कुछ अमेरिका, यूरोप और चीन से निवेश पर निर्भर करती है. इस बीच आरबीआई के एक सर्वे में कहा गया है कि कोविड-19 संकट के बीच एमएसएमई सेक्टर बचे रहने के लिए संघर्ष कर रहा है. एमएसएमई उन सेक्टरों में शामिल है जो सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. ज्यादातर सेक्टरों में बड़े पैमाने पर और तुरंत आय का नुकसान हुआ है.सर्वे में शामिल 60 फीसदी लोगों ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर में रिकवरी की उम्मीद अगले छह महीनों तक कम ही है. ।